इंदौर। सम्मान जब मिलता है तो वह और बेहतर लिखने की प्रेरणा तो देता ही है रचनाकार का दायित्व भी बढ़ा देता है कि वह लगातार अच्छी रचना रचे। लघुकथा लिखना आसान नहीं है। जितना कठिन उपन्यास लेखन है उतना ही कठिन लघुकथा लेखन भी। लघुकथा आकार में भले लघु हो पर दीर्घ प्रभाव छोड़ती है। यह बात जाने-माने कहानीकार श्री मनीष वैद्य ने रविवार को वरिष्ठ शिक्षक और लेखक स्व. डाॅ.एस.एन.तिवारी के पुण्य स्मरण दिवस पर रचनाकारों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही । मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, आयोजित समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, श्रीमती सुषमा दुबे ने की। उन्होंने कहा कि सामान्य में से जो असामान्य ढूंढ ले वही लघुकथाकार होता है।विशेष अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, हरेराम वाजपेयी और वामा साहित्य मंच, इंदौर की अध्यक्ष श्रीमती पदमा राजेंद्र थी। इस मौके पर श्री कांतिलाल ठाकरे (इंदौर), श्री नरेंद्र मांडलिक ( दिग्ठान, धार), श्री कमल किशोर दुबे (भोपाल ), श्रीमती संध्या रायचौधरी (इंदौर ), श्रीमती अमर कौर चड्ढा (इंदौर), श्रीमती एकता शर्मा ( धार ),श्रीमती माधुरी शुक्ला ( कोटा), और श्रीमती अदिति सिंह भदौरिया ( इंदौर ) का सम्मान किया गया। समारोह में मुकेश तिवारी के लघुकथा संग्रह आम के पत्ते का विमोचन भी हुआ । संचालन श्री अरविंद त्रिवेदी ने आभार डाॅ पूजा मिश्रा ने माना। इस अवसर पर अनेक साहित्यकार, लेखक, पत्रकार और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।..
मुकेश तिवारी की नई किताब आम के पत्ते का हुआ विमोचन