भैरव बाबा की प्रतिमा से निकलते हैं आंसू


भारत में अनेकों मंदिर हैं जहां माना जाता है की साक्षात भगवान विराजमान हैं। उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में स्थित है, जहां भगवान अपने भक्तों पर आने वाली परेशानियों का संकेत पहले से दे देते हैं। यह माँदर वज्रेश्वरी मदिर के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर में ही भैरव बाबा की प्रतिमा भी स्थापित है। जिसे लेकर लोगों का मानना है की जब भी कोई अनहोनी या कोई विपदा आने वाली होती है तो बाबा की प्रतिमा से आंसू बहने लगते हैं। यह मदिर देवी मां के शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जो की लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। वजेश्वरी देवी मंदिर में स्थापित भैरव बाबा की प्रतिमा करीब 5 हजार साल पुरानी है। वहीं मंदिर के पुजारी के अनुसार जब भी उन्हें प्रतिमा से आंसू गिरते हुए देखते हैं, तो वह श्रद्धालुओं के संकट को दूर करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना व हवन शुरू कर देते हैं। उनका कहना है की भैरव बाबा की प्रतिमा से आंसू तभी आते हैं जब भक्तों पर कोई मुसीबत आने वाली होती है। इसके साथ ही हवन पूजा-अर्चना करने से आने वाली परेशानियां टल जाती है। बाबा भैरव अपने भक्तों को पहले से ही सुरक्षित कर देते हैं। स्थानियों के अनुसार साल 1976-77 में भैरव बाबा की मूर्ति से आंस व शरीर से पसीना निकला था। उस समय कांगडा बाजार में भीषण अग्निकांड हआ था। काफी दुकानें जल गई थी। उसके बाद से यहां विपत्ति टालने के लिए हर साल भैरव जयंती मनाई जाती है।यह जगह, तन्त्र-मन्त्र, सिद्धियों, ज्योतिष विद्याओं, तन्त्रोक्त शक्तियों, देव परंपराओं की प्राप्ती के लिए प्रसिद्ध स्थान है।