उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम से करीब 3 किमी दूर माणा गांव है। यह भारत-चीन सीमा का आखिर गांव है। यहां सरस्वती नदी का उद्गम हुआ है। यहां देवी सरस्वती का मंदिर भी है। कहते हैं सृष्टि के आरंभ में यहीं देवी सरस्वती प्रकट हुईं थीं। यहां सरस्वती नदी की धारा में जब सूर्य की रोशनी पड़ती है तो इंद्र धनुष के सातों रंग दिखने लगते हैं। कहते हैं ये देवी सरस्वती की वीणा के तार और सातों सुर हैं। यहीं पास में व्यास गुफा भी है जहां रहकर व्यास मुनि ने महाभारत महाकाव्य की रचना की थी। मान्यता है कि इस मंदिर में वीणा वादिनी मां सरस्वती की प्रतिमा के दर्शन से साक्षात सरस्वती के दर्शनों का लाभ मिलता है। मां सरस्वती के हाथ में जो वीणा है, उसके सात सुरों से ही संसार में संगीत आया है और जीव जंतुओं को वाणी मिली है। माघ के महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी वसंत पंचमी के दिन यहां मां सरस्वती के भव्य दर्शन होते हैं।