शिकायतों के बाद भी नहीं सुधरी क्वालिटी यात्रियों पर अब महंगे खाने का भार

भोपाल। ट्रेनों में सुविधा और सुरक्षा के पर यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा ट्रेनों में परोसा जा रहा खाना यात्रियों के खाने नहीं है। फिर भी रेलवे ने प्रीमियम और वीआईपी ट्रेनों में खाने दाम बढ़ा दिए है। सबसे ज्यादा शिकायतों की ट्रेन शताब्दी है, इसके भी गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं है। खाने की क्वालिटी सुधारने नाम पर अब यात्रियों को जीएसटी साथ मंहगा खाने का बिल देने की तैयारी की जा रही है। खास बात है खाने की क्वालिटी में लगातार गिरावट के बाद भी बेस किचन संचालक पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं गई है। सिर्फ कमीशन के खेल में बढ़ोतरी हुई है।



शताब्दी एक्सप्रेस सहित वीआईपी ट्रेनों में घटिया क्वालिटी का भोजन परोसा जा रहा है। बीते चार में चार शिकायतें रेलवे बोर्ड से लेकर रेल मंत्री तक यात्रियों ने ट्विटर दर्ज कराई हैं। खास बात यह है कि आईआरसीटीसी के अफसरों कीसांठगांठ से घटिया भोजन का पुरा खेल चल रहा है। इसमें सुधार करने की जगह रेलवे अब नाश्ते एवं भोजन के रेट बढाने जा रहा है। बाजार में बेहतर क्वालिटी की चाय आपको 15 रुपए में मिल जाती है, जबकि शताब्दी एक्सप्रेस में घटिया चाय के लिए आपको अब 35 रुपए चुकाने होंगे। दिल्ली-भोपाल के बीच संचालित होने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का बेस किचन ग्वालियर में है। इसका ठेका आरके एसोसिएट हॉटलाइन प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को दिया गया है। ट्रेन में भोजन यहीं से चढ़ाया जाता है, जबकि दही, नाश्ता एवं चाय दिल्ली से ट्रेन में रखी जाती है। नियमानुसार भोजन पूरी तरह हाईजिन तरीके से तैयार होना चाहिए, लेकिन फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने पहले भी सड़ी हुई प्याज से सब्जी बनते हुए पकड़ी थी। इसी वजह से आए दिन खाने को लेकर यात्रियों की शिकायतें रेलवे को झेलना पड़ती हैं। जबकि देश भर से राजधानी, शताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, दिल्ली-मुबंई राजधानी एक्सप्रेस, कर्नाटक संपर्क क्रांति प्रमुख रूप भोपाल से निकलती हैं।


क्या है नियम


> बेस किचन में आने वाले भोजा की जांच रेलवे द्वारा की जाती है, जिससे सामग्री गुणतयुक्त है या नहीं देखा जा सके।


> भोजन काकर जब जाता है तो ट्रेन में चढ़ाते समय अईबरसीटीसी के अधिकारी उसकी जांच करते हैं।


> केटरिंग इंस्पेक्टर की जिम्मेवारी है कि वह समय-समय पर भोजन की जांच करे।


> सपियर डीसीएम का काम बेस किका एवं ट्रेन में चढ़ने वाले भोजन की मॉनीटरिंग का है।


कब-कब मिली शिकायतें


> 22 अगस्त 2019--काब्दी में मिलो। वाले भोजन में कच्चे पराठे, घटिया दाल मिली थी। इतना ही नहीं दही इतना खटा था कि लोगों के लिए खाना मुश्किल हो रहा था।


> 25 अगसा 2019:-पड सेपटी काम की टीम ने शाब्दी के बेस किचना पर छापा मारा था यहां पर सड़ी हुई प्याज में सब्जी काई जा रही थी। टीम ने 25 किलो सड़ा प्याज फिकवाया था


> 17 मई 2019--यौवगंज से नई दिल्ली जा रही शाब्दी में यात्रियों को समाचार पत्र की कतरन पर भोजन परोसा गया। यात्रियों ने निकाया वर्ज कराई, क्योंकि भोजन पर जहरीली इंक ली थी और मटर पनीर में मटर ही नहीं थे।


क्या है मैन्यु


चेयर कारः-


जीरा राइस, दाल, दो परांठे, मटर पनीर यदि नॉनवेज लेते हैं तो चिकन करी व आईस्क्रीम।


सेकंड/थर्ड एसी:-


इसमें पूरा मैन्यु यही रहता है, केवल जीरा राइस की जगह वेजीटेबल राइस हो जाता है।


फर्स्ट एसी:-


मिक्स दाल, कढ़ाई पनीर, मटर राइस, अजवाइन पराठे, ड्राइवेज, आईस्क्रीम, दही।


जिम्मेदार मौन, विभाग ने भी नहीं की कार्रवाई


बेस किचिन संचालक


खाना बनाते समय जुलता एवं साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। जबकि बेस किचन में हर जगह गंदगी परी हुई है। सविजय तक अच्छा क्यलिश की उपयोग नहीं की जाती हैं।


आईआरसीटीसी


ट्रेन में खाना बनाते समय इनकी जिम्मेदारी जंच करने की होती है। संठगांठ का खेल चल रहा है. इसलिए सही तरीके से खाने की जांच होनी की जारी है। इसी वजह से भोजन की क्यालिटी लगातार बिगड़ी जा रही है, सथ ही शिकायों बढ़ रही हैं।।


सीनियर डीसीएम


इनकी जिम्मेदारी समय-समय पर बेस किचन की जांच करने की है, लेकिन केवल शिकायत मिलने पर ही अफसर जागते हैं। अधिकारियों के आने की सुचना पहले ही बेस किचन संचालक तक पहुंच जाती है, इसलिए किचन चकाचक कर दी जाती है।