इंदौर। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा, तो मध्यप्रदेश इस वित्त वर्ष के अंत तक खुशी सूचकांक (हैप्पी इंडेक्स) जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ हैप्पीनेस के सीईओ अखिलेश अर्गाल ने बताया कि इसके लिए सरकार की तरफ से सर्वे कराकर डाटा एकत्र कराया जाएगा। इंस्टीट्यूट ऑफ हैप्पीनेस के सीईओ अखिलेश अर्गल के मुताबिक, इस समय इस सर्वे में पूछे जाने वाले सवालों को खुशी सूचकांक (एचआई) के मानकों के हिसाब से निर्णायक रूप देने का काम चल रहा है। हमने चालू वित्त वर्ष के अंत तक सर्वे को पूरा कराकर पहला खुशी सूचकांक जारी कर देने का लक्ष्य बनाया है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने खडग़पुर के आईआईटी में रेखी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर द साइंस ऑफ हैप्पीनेस को अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में 'नॉलेज पार्टनर' के तौर पर जोड़ा है। इस सर्वे के दौरान मध्यप्रदेश के विभिन्न गांवों, कस्बों और शहरों के करीब १५ हजार लोगों के संपर्क साधकर जानकारी जुटाई जाएगी।
इन क्षेत्रों से जुड़े सवालों पर तय होगा सूचकांक
रहन-सहन, आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, उपलब्धियां, शौक, सकारत्मक व नकारात्मक अहसास, पारस्परिक संबंध, पर्यावरण से जुड़ाव आदि।
विश्व सूचकांक में भारत में घट रही खुशियां
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की वल्र्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के हिसाब से भारत में खुशिया लगातार घट रही हैं। २० मार्च, २०१९ को जारी इस रिपोर्ट में भारत विश्व खुशी सूचकांक में २०१८ के १३३वें स्थान से ७ स्थान नीचे उतरकर २०१९ में १४०वें स्थान पर पहुंच गया था।
प्रदेश बनेगा क्षेत्रीय खुशी सूचकांक वाला राज्य