नियामक आयोग के अधिकारियो की मिलीभगत से हो रहे है ‘ब्लैक का व्हाईट’

फ्रेंचाइजी चलाने वालों का दावा सभी जगह सेटिंग



जगदीश जोशी 'प्रचण्ड'
इंदौर। मध्यप्रदेश की व्यवसायिक नगरी का तमगा लिए इंदौर में ठगी की तादाद भी बढ़ी है। भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग अधिकारी, पुलिस प्रशासन के आला अफसर और नगर निगम की आंखों में धूल झोंक कर अवैध रूप से एडवाइजरी कंपनियां निवेशकों को लूटने का काम कर रही हैं। 'ट्रेड इंडिया रिसर्च एण्ड एडवाइजरी' कंपनी के संचालकों की करतूतों के बाद 'मनी डिजायर रिसर्च' निवेश के नाम पर प्रतिदिन लाखों रुपया 'व्हाईट' करने का काम कर रही है। सेबी के नियमानुसार कंपनी अपने मुख्य ऑफिस के अलावा और कई भी ऑफिस खोलकर व्यापार नहीं कर सकती है, लेकिन कंपनी के संचालक अनूप तिवारी और उसके शातिर सहयोगियों ने शहर भर में 15 से अधिक ऑफिस अवैध रूप से संचालित कर रखे हैं।



नियामक आयोग के नियमों की धज्जिजयां उड़ाते हुए इन ऑफिसों में बेरोजगारी की मार झेल रहे ऐसे युवक काम कर रहे हैं, जिन्होंने एमबीए भी नहीं किया हुआ है और न ही उन्हें शेयर मार्केट का कोई खासा अनुभव है, जबकि नियमानुसार एडवाइजरी कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को एमबीए किया होना अनिवार्य होता है। शर्त यह भी होती है कि उन्हीं व्यक्तियों से निवेश कराया जाए, जो निवेश में घाटा होने पर उसे सहन कर सकें। आयकर रिटर्न में उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को भी देखना जरूरी होता है, लेकिन कंपनियां इन नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। शहर में निवेश के नाम पर सलाह देने वाली कंपनियां भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग (सेबी) के नियमों को ठेंगा दिखा रही है।



'मनी डिजायर रिसर्च' एडवाइजरी कंपनी के संचालक अनूप तिवारी व नेहा सहित कई सहयोगियों ने मध्यप्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ के निवेशकों से निवेश के नाम पर मंगाया रुपया अपने-अपने बैंक एकाउंट में जमा करवाया, जबकि नियमानुसार निवेश के लिए मिलने वाला रुपया कंपनी के खाते में ही जमा होना चाहिए, लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया जा रहा है, ताकि कालाधन सफेद किया जा सके। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री कालेधन को लेकर कड़े नियम और चेतावनी देते नजर आते हैं तो दूसरी ओर भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग (सेबी) की कुंभकरणीय नींद के चलते इंदौर से संचालित ये कंपनियां बड़े आराम से शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंकती नजर आ रही हैं। मनी डिजायर एडवाइजरी के संचालक व फे्रंचाइजी चलाने वाले बड़े ही दावे के साथ पुलिस व सेबी के आला अफसरों को समन्वय सुविधा देने का दावा करते हुए नजर आते हैं। सूत्रों के मुताबिक 'ब्लैक का व्हाईट' करने वाले इन जादूगरों द्वारा यह भी दावा किया जाता है कि अधिकारियों को नकदी चढ़ावे के साथ-साथ हवाई यात्रा की व्यवस्था भी हमारे द्वारा की जाती है। जिसके चलते हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। मनी एडवाइजरी में काम करने वाले कई युवकों को सेलरी न मिलने की बात भी सामने आई है।