फरियादी पर बना रहे थे एएसआई ओम प्रकाश शेखावत दबाव, हुआ स्थांतरण
इंदौर। महिला पत्रकार दीपिका प्रजापत ने खाचरौद थाने में हाजिर होकर लेखनीय शिकायत दर्ज कराई थी कि दिनांक 11/11/2019 की शाम 5.50 मिनिट पर मेहरबान सिंह गुर्जर अन्य 4 साथियों के साथ घर मे घुस आया और महिलाओं के साथ गाली-गलौच कर उठा ले जाने की धमकी देने लगा, जब टीआई खाचरौद ने मेहरबान सिंह को फोन करके मामले की जानकारी ली तो यह तथ्य सामने आया कि मेहरबान सिंह और फरियादी दीपिका के भाई अनिल के बीच रुपयों का लेनदेन है और अनिल मेहरबान सिंह को रुपये नहीं दे रहा है। दोनो पक्षों ने थाने में एक-दूसरे के विरुद्ध आवेदन दिये।
टीआई खाचरौद ने मामले की जांच एएसआई शेखावत को सौंपी घटना के तीसरे दिन जब एएसआई शेखावत ने दीपिका प्रजापत और भाई अनिल को बयान के लिये थाने बुलाया, जहां अनिल के बयान से यह बात स्पष्ट हुई की मेहरबान सिंह से अनिल ने भैंस खरीदी थी। रुपया लौटाने में देरी हुई मूलधन का रुपया दे चुका है, लेकिन मेहरबान सिंह ने अनिल को चेक नहीं लौटाया। मेहरबान गुर्जर अनिल से ब्याज के रूप में रुपया वसूल करने का दबाव बना रहा था। परिवार में भय उत्पन्न कर अवैध रूप से वसूली करने पहुंचे मेहरबान उसके अन्य साथियों को महिलाओं ने घर के बाहर से ही अनिल के घर नहीं होने की बात कही थी, लेकिन भय उत्पन्न करने के उद्देश्य से मेहरबान अपने अन्य साथियों के साथ घर मे घुसकर पत्रकार दीपिका प्रजापत एवं अन्य उपस्थित सदस्यों से गुंडागिर्दी करने लगा। इसी बात की शिकायत थाने में की गई थी, लेकिन न्याय संगत कार्रवाई न करते हुए थाना खाचरौद के एएसआई शेखावत मामले को रफा-दफा करने में जुट गए और फरियादी पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। फरियादी ने जब-जब एफआईआर कायम करने की बात कही, तो शेखावत बोले कि दोनों पार्टियों पर मुकदमा कायम होगा। थाना खाचरौद से न्याय न मिलने पर फरियादी दीपिका प्रजापत ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज करवा दी। शिकायत होने के बाद थाना खाचरौद से दीपिका को काल आया कि आपकी एफआईआर दर्ज हो चुकी है आकर कॉपी ले जाएं। जब दीपिका एफआईआर लेने पहुंची तो पाया की एएसआई शेखावत ने मामूली धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर पूरी तरह से आरोपियों को संरक्षण दिया। दीपिका ने टीआई से पूछा कि घर में घुसने के मामले में कौन सी धारा लगती है, तब शेखावत बोले 452 लगवाना है कोर्ट से लगवा लेना साइन कर और सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बंद करवा एएसआई के कानूनी दांव-पेंच को भांपकर दीपिका थाने से बाहर आने लगी, तो एएसआई बोले 353 कि कायमी कर पत्रकारिता उतार दूंगा। इसी बात से दु:खी होकर मामले की शिकायत दीपिका ने उज्जैन एसपी को व्हाटसअप मैसेज पर भेजकर की थी, लेकिन महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार और आरोपियों को संरक्षण देने वाले एएसआई ओम प्रकाश शेखावत का स्थानांतरण उज्जैन हो गया। समाचार मिलने तक अन्य 4 को मामले में आरोपी नहीं बनाया है और न ही धारा 452 बढ़ाई गई है। दीपिका प्रजापत ने भास्कर को जानकारी देते हुए कहा कि मैंने किसी को यह जानकारी नहीं दी थी कि मैं पत्रकार हूं, लेकिन इस प्रकार के दुव्र्यवहार से अनुमान है की अनपढ़ लोगों के साथ कैसा व्यवहार थानों में होता होगा। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देकर न्यायालय के माध्यम से न्याय के लिये लडूंगी।