शिया समुदाय के लोग पूरे मुहर्रम में खुद को खुशियों से दूर रखते हैं। और खुद को दुख-तकलीफ देकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं। शिया मुसलमान मुहर्रम के 10 दिनों तक काले कपड़े पहनते हैं। इसकी वजह यह है कि मुहर्रम को मातम और दुख का महीना माना गया है। और काला रंग इसी भाव को दर्शाता है। बताते हैं कि इराक में एक यजीद नाम का बादशाह था। वह बहुत ही जालिम था। हजरत इमाम हुसैन ने उसके खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। मोहम्मद-ए-मस्तफा के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला नामक स्?थान में परिवार व दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था। जिस महीने में हुसैन और उनके परिवार को शहीद किया गया था, वह मुहर्रम का ही महीना था। जिस दिन हुसैन को शहीद किया गया, वह मुहर्रम महीने का 10वां दिन था।
खुद को खुशियों से दूर रखते हैं शिया समुदाय के लोग