पांच सदी से चली आ रही विवादित जमीन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही मिलेगी मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन
मैं एक बार फिर मध्यप्रदेश की जनता से अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले हम सभी मिल जुलकर सम्मान और आदर करें। किसी प्रकार के उत्साह, जश्न व विरोध का हिस्सा ना बनें। अफ़वाहों से सावधान और सजग रहे। किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आएं। आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन, शांति, सद्भाव और सोहार्द्र बनाए रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। सरकार प्रदेश के हर नागरिक के साथ खड़ी है। कानून व्यवस्था और अमन-चैन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश पहले से ही दिए जा चुके हैं। यह प्रदेश हमारा है। हम सभी का है। कुछ भी होहमारा प्रेम, हमारी मोहब्बत, हमारा भाईचारा, हमारा आपसी सौहार्द्र खराब ना हो, यह हम सभी जिम्मेदारी है। आज आवश्यकता है अमन और मोहब्बत के पैगाम को सभी तक फैलाने की और नफरत और वैमनस्य को परास्त करें।
जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की मौजूदगी में सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा -
» भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संदेह से परे है और इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
» राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार विवादित भूमि को सरकारी माना
» निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा 5 जजों की बेंच ने से खारिज किया
» ऐसे सबूत मिले हैं कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी
» मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ते थे और हिंदू बाहर परिसर में पूजा करते
» आस्था के आधार पर फैसले नहीं लिए जा सकते, लेकिन विवाद सुलझाने के लिए सांकेतिक जरूर हो सकते हैं
» अंग्रेजों के शासनकाल में बाबरी मस्जिद में नमाज पढ़ने के कोई मिले हैं, जबकि राम चबूतरा और सीता रसोई में पूजा होती रही है
श्रीराम मंदिर बनेगा.मस्लिम पक्ष को अलग से जमीन
» अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूगिन्यास को देने का फैसला किया है. जबकि मुस्लिम पक्षको अला स्थान पर जमीन देने के लिए कहा गया है. यानी सुती वाफ बोर्ड को अलाजमीन देने का आदेश कोर्ट ने दिया है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड दावा रखने में विफल
» अदालत ने कहा कि सुनी वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना दावा रखने में विफल हुआ है। मुस्लिम पक्ष ऐसेसबूत पेश करने में विफल रहा है कि विवादित जमीन पर सिर्फ उसका ही अधिकार है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि सुत्री क्वफ बोर्ड को अलाजमीनी जाए। सप्रीम कोर्ट ने विकिलियों को नई रिजद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए।
मध्यस्थता करने वालों की प्रशंसा
» सुप्रीम कोर्ट ने विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वालेजस्टिस कलिपटा, श्रीरामपांबू और श्रीश्री रविशंकर कीप्रशंसा की। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही निर्मोही अखाड़े को मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह दी जाएगी।
मस्जिद गिराना कानून का उल्लंघन
» बाबरी मस्जिद विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन है। भीतर मक्षि बनाने के लिए अदालत ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि तीन महीने के भीतर मंदिर बनाने के लिए टस्ट बनाया जाए और मुस्लिम पक्षको अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाए। इस जमीन पर नई मरिजद बनाई जाएगी।
हिंदुओं ने किया था गर्भगृह पर दावा
» यह स्पष्ट किमस्लिम अंदर नमाज पद्या करते थे और हिंदूबाहरी परिसर में पूजा किया करते थे। हालांकि हिंदुओं ने गर्भगृह पर भी अपना दावा कर दियाजबकि मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ा नहीं था।
राम जन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं
» अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमिकोई व्यक्ति नहीं है,जो कानून के दायरे में आता हो। अदालत ने कहा कि आस्था के ICAR पर फसले नाता जा सकते हैं। वे विवाद सुलझाने के लिए सांकेतक जरखे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में राम चबूतत और सीता रसोई में पूजा हुआ करती थी। इस बात के सबूत है कि हिंदुओं के पास विवादित जमीन के बाहरी हिस्से का करता था
निर्मोही अखाड़ा न सेवादार न श्रद्धालु
» सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा न तो सेवादार है और नही भगवान रामलला के श्रद्धालु है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लिमिटेशन की वजह से अखाड़े का दावा खारिज हुआ था।
खाली जमीन पर नहीं थी मस्जिद
» सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली नहीं बनी थी। एएसआई के मताविकमदिर ऊपर ही मंदिर बनाया गया था। अवलत ने कहा कि हिंदूइसे भगवान राम मानते हैं। उनकी अपनी धार्मिक भावनाएं हैं मरिजद कहते हैं। हिंदुओं का मानना है कि केंद्रीय मुंबद के नीवे जन्मे थे। वह व्यक्तिगत बात है।
चीफ जस्टिस बोले- संतुलन बनाना
» चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि लोगों की आस्था को स्वीकार करना होगा। संतुलन बनानावेगा। निवारे के बवेपर फैसला सनातेएसी ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट पर भरोसा जताया कोर्ट कि इस पर शक नहीं किया जा सकता। साथ विभागकी खोजको नजरअंदाज करना मुश्किल
शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
» चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हम शिया वक्फ बोर्ड की विशेष वाचिका को है। शिया वक्फ बोर्ड ने 1946 में फैजाबाद को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि बाबरी मरिजद मीर बाकी थी। अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में जाना सही नहीं होगा।