मामला भडक़ा तो विनोद रघुवंशी निकले बाबा बर्फानी की यात्रा पर
भोपाल। इंदौर में 42 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोपी आबकारी अधिकारी विनोद रघुवंशी अब सरकार के तबादला आदेश की ही नाफरमानी कर रहे हैं। विभाग ने भोपाल से उनका ट्रांसफर ग्वालियर किया तो वे बाबा बर्फानी की शरण में अमरनाथ यात्रा पर चले गए, जबकि सिविल सेवा आचरण नियमों के मुताबिक तबादले के दो सप्ताह के भीतर उन्हें नई पदस्थापना स्थल पर आमद देनी थी। फर्जी बैंक चालान के जरिए शराब के ठेके हासिल करने के इस मामले में एसआईटी ने भी आबकारी विभाग के तत्कालीन इंदौर उपायुक्त विनोद रघुवंशी को भी जिम्मेदार माना था। इस घोटाले के चलते उन्हे हटा कर भोपाल उडऩदस्ता में पदस्थ किया गया। सरकार बदली तो पांच जुलाई की तारीख में रघुवंशी को ग्वालियर आबकारी मुख्यालय में अतिरिक्त आयुक्त पदस्थ करने के आदेश जारी किए गए हैं।
बताया जाता है कि रघुवंशी ग्वालियर नहीं जाना चाहते और एक बार फिर इंदौर की पदस्थापना पाने की जुगाड़ कर रहे हैं। इसीलिए आज उनकी नई पदस्थापना में ज्वाइनिंग की समय सीमा का अंतिम दिन होने के बावजूद वे अमरनाथ धाम की यात्रा पर हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार रघुवंशी अपने उच्च पदस्थ संपर्क के दम पर तबादला आदेश को संशोधित कराने के प्रयास कर रहे हैं। जिससे इंदौर जाकर घोटाले की जांच में लीपापोती करा सकें।
बता दें कि भाजपा शासनकाल में दागी आबकारी अधिकारी रघुवंशी के कारनामे सुर्खियां बनते रहे हैं। भोपाल में पदस्थापना के दौरान आबकारी ठेके संबंधी पार्टनरशिप डीड में हेराफेरी के मामले में रघुवंशी के खिलाफ प्रकरण दर्ज है तो इंदौर में 42 करोड़ रुपये के घोटाले में भी जांच चल रही है। इसके बावजूद विभाग ने उन्हें राज्य स्तरीय उडऩदस्ता प्रभारी जैसी अहम जिम्मेदारी से नवाजा। हाल ही में जारी तबादला सूची में उन्हें अतिरिक्त आयुक्त आबकारी पदस्थ किया गया, लेकिन रघुवंशी के रसूख और कतिपय आला अफसरों के वरदहस्त से एक बार फिर उन्हें मनचाही पोस्टिंग देने की तैयारी की जा रही है।
भोपाल में डेरा डाले बैठे हैं एक्साइज कमिश्नर
आबकारी विभाग में तबादलों की एक और सूची जारी होना है जिसे अंतिम रूप देने के लिए आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की टीम एक सप्ताह से भी अधिक समय से भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि मनचाही पोस्टिंग की चाह रखने वाले अधिकारी अपने संपर्क सूत्र खंगालने में जुटे हैं, लेकिन दागी अधिकारी रघुवंशी अपनी मनचाही पोस्टिंग की जिम्मेदारी विभागीय गॉड फादर अफसरों पर छोडक़र बाबा अमरनाथ की शरण में चले गए हैं।
इसलिए पसंद है इंदौर : आबकारी आयुक्त कार्यालय में एडिशनल कमिश्नर का पद नंबर दो की पोजीशन का पद है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि घपले और घोटाले करने के अभ्यस्त विनोद रघुवंशी यहां इसलिए नहीं आना चाहते, क्योंकि आयुक्त के रहते यहां मनमर्जी नहीं कर सकेंगे यही कारण है कि उन्हें इंदौर पसंद है। इसमें वे दोहरा लाभ देख रहे हैं। एक तो पिछले कार्यकाल के घपले घोटालों की शिकायत और जांच में खुद को पाक साफ घोषित कराने का काम करा सकेंगे। दूसरा यहां शराब माफिया से उनके पुराने संबंध हैं।