आईएम फ्यूचर की आड़ में निवेशकों का 450 करोड़ रुपए डकारा...!

वॉयरल वीडियो में सुनील आर्य का खुलासा


नैनीताल की मीटिंग के बाद जुगाड़ में लगे प्रदीप, राजेश और अन्य...


> पत्रकार जोशी पर आरोप लगाने वाले अपने गिरेबां में झांकें
> विष्णुवर्धन रेड्डी को 75 लाख रुपए का हवाला क्यों किया गया?


नहीं बिकता हूं मैं, बाजार की मैली नुमाईश में...,
जमाने में मुझे तो बस मेरे हकदार पढ़ते हैं...।।



जगदीश जोशी 'प्रचण्ड'
इंदौर। पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ लोगों को आर्थिक उन्नति देने व भगवान समझा जाने वाला सीएमडी राधेश्याम कुछ तिकड़मबाजों के मकड़ जाल में फंसकर रह गया। इन तिकड़मियों का फ्यूचर मेकर कंपनी के चलते कोई हस्तक्षेप नहीं था। अपने-अपने शहरों में रोड नापने वाले इन तिकड़मबाजों ने न्यायालयीन कार्यवाही, पीडी एक्ट हटाने व देश के अन्य जिलों में राधेश्याम के ऊपर दर्ज हुए केस को निपटाने के मामले में जमकर धन लूटा, जिसके साक्ष्य इंटरनल न्यूज एण्ड इंफॉर्मेशन (आईएनआई) के पास मौजूद है। दैनिक लोकहित खबर के संपादक जगदीश जोशी पर आरोप लगाकर कठघरे में खड़ा करने की नाकाम कोशिश की गई। इस तरह के ठगोरों और तिकड़मबाजों से लंबे समय से पाला पड़ता रहा है। इसी के मद्देनजर 19 सितंबर, 2018 से लेकर अब तक के सारे साक्ष्यों को एक बार फिर जोड़ा जा रहा है। कहा जाता है कि दस लोग मिलकर एक झूठ बोले तो वह सबसे बड़ा सच माना जाता है, इसी की तर्ज पर तेलंगाना में संपादक जोशी को किनारे कर तथाकथित काम निपटाने में लगी चौकड़ी ने अपने निजी स्वार्थ के चलते राधेश्याम को सलाखों के बाद पीडी एक्ट के घेरे में डाल दिया। इन तिकड़मियों ने पत्रकार श्री जोशी को समय-समय पर जो अवगत कराया, वह विपरीत था, लेकिन सामाजिक सरोकार और निवेशकों के हित के मद्देनजर यह प्रयास रहा कि कोई रास्ता निकले। जब-जब सच्चाई को सामने लाना चाहा, तब-तब इन तिकड़मबाजों की फौज ने उलूल-जुलूल आरोप लगाकर पीछे धकेलने का प्रयास किया। इन तिकड़बाजों की करतूतों के चलते उठते सवाल कि 3 करोड़ रुपए फीस देने के पीछे कौन सी टीम का हाथ है?, वकील विष्णु वर्धन से लीसा शर्मा ने सीधा संपर्क क्यों किया?, ऑफिस में काम करने वाले चुप क्यों हैं?, राधेश्याम की जमानत न होने के पीछे किसका षड्यंत्र है?, पांच कंपनियों में ट्रांसफर किया गया रुपया कहां है? आईएम फ्यूचर को किसके इशारे पर बंद करवाया?, एमडी बंशीलाल के खास राजदारों का पैसा इंदौर, दिल्ली, हिसार, रायपुर सहित कहां-कहां ट्रांसफर किया गया? पर परत-दर-परत खुलासा करती रिपोर्ट...


 


इसे राधेश्याम का दुर्भाग्य कहें या डिस्ट्रीब्यूटरों की खराब किस्मत कि फ्यूचर मेकर कंपनी चलने के दौरान सीएमडी राधेश्याम को राजीव शर्मा, अशोक शर्मा, सुरेश सोनगरा, प्रवीण कदम, ईशकुमार, मोहन सिंह, जैसे कई दगाबाजों और स्वार्थी लीडरों का साथ मिला और 7 सितंबर, 2018 को गिरफ्तार होने के बाद मैनेजमेंट से हटकर काम में लगी टीम भी तिकड़मबाज निकली। साक्ष्य गवाह हैं कि 22 सितंबर, 2018 को यदि सीधा संपर्क और समन्वय कर लिया जाता तो राधेश्याम की रिहाई संभव थी, लेकिन कभी फ्यूचर मेकर की प्रिंसेस मानी जाने वाली युवती व बंशीलाल के खास राजदार सुखदेव ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि राधेश्याम एक के बाद एक एफआईआर के मामलों में जकड़ता गया। पीडी एक्ट लगने से पहले ऐसे कई मौके आए, जिस पर समय रहते निर्णय लेने से भी राधेश्याम की रिहाई हो सकती थी, लेकिन तिकड़मबाजी में माहिर अपने आपको मैनेजमेंट का हिस्सा बताने वाले युवक की प्लानिंग के चलते राधेश्याम को बाहर लाना असंभव सा हो गया। 14 मार्च, 2019 को तेलंगाना में हुई एक खास बैठक में भी राधेश्याम की रिहाई को लेकर कोई निर्णय इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि इस तिकड़मबाजी टीम ने पंजाब के एक तथाकथित 'दलाल' को सामने रखकर लाखों रुपया अपनी जेब में रख लिया। नैनीताल की मीटिंग में राधेश्याम के अनुज रामसिंह ने यह दावा किया था कि वह फ्यूचर मेकर लाइफ केयर कंपनी के चलते कभी भी हिसार ऑफिस नहीं गए और न ही उन्होंने कभी गुडग़ांव में पैर रखा। ऐसी स्थिति में न्यायालयीन प्रक्रियाओं से अंजान और नावाकिफ रामसिंह को गुमराह करते हुए तिकड़मी टीम ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर ली।
इधर वरिष्ठ वकील विष्णु वर्धन रेड्डी से संपादक जगदीश जोशी ने 20 लाख रुपए में बात करते हुए यह शर्त रखी थी कि जैसे-जैसे राधेश्याम के मामले में आप सफल कार्रवाई करते जाएंगे,आपको भुगतान किया जाएगा। जब फ्यूचर मेकर पर एक एफआईआर की गई थी, उस समय तक 30 सितंबर, 2019 तक सशर्त जमानत होने पर 20 लाख रुपए देना तय किया गया था, जिसमें से 9 लाख 80 हजार रुपए पत्रकार जगदीश जोशी द्वारा किए गए और 10 लाख का चेक श्री रेड्डी को दिया गया, इस बाबत कि आप काम हाथ में लें, भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा। वकील श्री रेड्डी की वकालतनामे पर हस्ताक्षर के दौरान राधेश्याम को पूरी तरीके से अवगत कराया गया, तब राधेश्याम ने श्री जोशी को सुखदेव का नंबर देते हुए पूरी राशि के लिए दिल्ली संपर्क करने को कहा। 22 सितंबर, 2019 को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इस युवक और बंशीलाल के इशारे पर सुखदेव तो नहीं आया, लेकिन फ्यूचर मेकर की प्रिंसेस मानी जाने वाली लीसा शर्मा ने 15 हजार रुपए देते हुए पत्रकार श्री जोशी को वापस यह कहकर भेजा कि अभी पैसा नहीं है। बाद में देखा जाएगा। 30 सितंबर, 2018 तक सीएमडी राधेश्याम पर दो एफआईआर और दर्ज हो गईं और उसके बाद इन तिकड़मी टीमों ने ईमानदार और डिस्ट्रीब्यूटरों के हित के लिए काम करने वाले लोगों को हटाते हुए वकील विष्णु वर्धन रेड्डी के नाम का उपयोग करते हुए सबसे पहले 75 लाख रुपए का हवाला किया। यहीं से रुपए में बंटरबांट करने की जुगाड़ चालू हुई ओर इसी जुगाड़ के चलते शुरू हुआ मैदानी लोगों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर।  इन आरोपों के चलते पत्रकार जोशी सहित मैदानी लोगों का डिस्ट्रीब्यूटरों के लिए काम करना मुश्किल सा हो गया था। समय-समय पर यही प्रयास बनाने में लगे रहे कि राधेश्याम की जमानत हो जाए और डिस्ट्रीब्यूटरों का पैसा वापस मिले, लेकिन इन तिकड़बाजों की बद्नीयत के चलते दिखावे के तौर पर असफल कार्रवाई को अंजाम देते हुए लाखों रुपए लूटने और लुटाने का दौर चलता रहा और तिकड़मबाजों की एक टीम पत्रकार जोशी सहित मैदानी लोगों को बद्नाम करने में लगी रही। साक्ष्य गवाह हैं और प्रमाणिक होते हुए दैनिक लोकहित कार्यालय में मौजूद हैं कि किस तरह सुनियोजित तरीके से मैदानी लोगों पर आरोप लगाकर घेरने की कोशिश की गई। 
सारे कुएं में भांग घुली हुई है की तर्ज पर इस तिकड़मी टीम ने जबलपुर, तेलंगाना, हिसार, नीमच, झूलिया, फतेहाबाद सहित अन्य मामलों को जानबूझकर नजरअंदाज किया, जबकि इन मामलों को बड़ी आसानी से संतुलित करते हुए डिस्ट्रीब्यूटरों के हित में सफल कार्रवाई की जा सकती थी। आईएम फ्यूचर को लेकर भी षड्यंत्र किया गया, जबकि वॉयरल हो रहे वीडियो में सुनील आर्य ने खुलासा किया है कि पांच कंपनियों में 450 करोड़ रुपए का ट्रांसफर हो चुका था और इसी संदर्भ में दैनिक लोकहित खबर जुलाई, 2019 को समाचार प्रकाशित कर चुका था। नैनीताल की मीटिंग होने से पहले सीएमडी राधेश्याम ने स्वयं श्री जोशी को याद करते हुए जेल में 13 मई, 19 को मुलाकात के लिए बुलाया था।
क्रमश: ....(कौन है...?, ग्रोवर और दयाल 450 करोड़ रुपए की बंटरबांट कहां-कहां हुई) शेष अगले अंक में...