वसुंधरा खेमे ने प्रदेश संगठन के खिलाफ खोला मोर्चा
कोटा. राजस्थान बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। निकाय चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी में धड़ेबंदी साफ नजर आने लगी है। यही कारण है कि बीजेपी के अभेद्य गढ़ कहे जाने वाले हाड़ौती में अब पार्टी के स्थानीय नेताओं ने अपने ही घर के लोगों पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है। हाड़ौती में प्रदेश संगठन पर सवाल उठाने वाले ये सभी नेता पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खेमे से जुड़े हैं। इन नेताओं ने आलाकमान से गहार लगाई है कि पार्टी को बरसों तक अपने खून पसीने से सींचने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की वजह से यह हालत हो रही है। अगर यही हालत रहे तो हाड़ौती में बीजेपी रसातल में पहुंच जायेगी बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हाड़ौती के छबड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व राज्य मंत्री बाबूलाल वर्मा, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीकिशन पाटीदार, पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, पूर्व विधायक प्रहाद गुंजल और विद्याशंकर नंदवाना ने स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की दुर्गति पर संयुक्त बयान जारी किया है। इन्होंने आलाकमान को आगाह करते हए कहा है कि प्रदेश संगठन में व्यक्ति विशेष के इशारे पर पार्टी के इस अभेद्य गढ़ को रसातल में पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने चेताया कि अगर यही हालात बने रहे तो आने वाले समय में पार्टी की नाव डूबने से कोई भी ताकत बचा नहीं पाएगी। इन सभी नेताओं ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि कोटा के उत्तर और दक्षिण दोनों ही निगमों में बीजेपी को ध्वस्त कर कांग्रेस ने विजयी परचम फहराया है। वहीं, बंदी में पार्टी जिला प्रमुख भी नहीं बना पायी। कोटा और बारां जिलों के रामगंजमण्डी, कैथून, सांगोद, बारां, मांगरोल और अंता के साथ ही हाल ही में हुए निकाय चुनावों में बूंदी, केशवरायपाटन, कापरेन, लाखेरी, नैनवां और इन्द्रगढ़ में भी पार्टी का पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया है इन नेताओं ने आरोप लगाया कि व्यक्ति विशेष के इशारे पर प्रदेश संगठन ने जनाधारहीन लोगों को चनाव प्रभारी बनाया। उनके कहने पर ही टिकिटों का आवंटन किया। उसी के कारण ये हालात बने हैं। अन्यथा राजस्थान में हाड़ौती बीजेपी के अभेद्य गढ़ की मिसाल था जिसको कांग्रेस कभी भेद नहीं सकती थी। नेताओं ने कहा कि दुर्भाग्य है कि अब उस किले में कांग्रेस ने सेंध लगा ली है। इसका पार्टी के कार्यकर्ता को बेहद दुख है इन नेताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मजबूत पकड़ के कारण उनके निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ में बीजेपी विजय पताका फहर पाई नहीं तो कोटा और बूंदी लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का पूरी तरह सफाया हो गया है। इन नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रदेश संगठन ने अभी भी आंखें नहीं खोली तो आने वाले दिनों में होने वाले पंचायत चनाव और फिर विधानसभा तथा लोकसभा चनावों में पार्टी की ऐसी ही फजीहत होने से कतई उनकार नहीं किया जा सकता है।