चाय वाला देश का पीएम तो मैं भी बन सकता हूं महापौर

रीवा. पिछले 20 सालों से रीवा के मुख्य बाजार शिल्पी प्लाजा में चाय का ठेला लगाने वाले राम चरण शुक्ला ने अब आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर महापौर बनने का दावा किया है। इस दावे में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाय वाले होने का भी तर्क पेश किया है। रामचरण शुक्ल ने कहा है कि शहर की मूलभूत समस्याओं को अपना चुनावी मुद्दा बनाते हुए वह चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।

चाय बेचने वाले ने ठोका महापौर बनने का दावा

निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद रीवा नगर निगम के महापौर की शीट को अनारक्षित किया गया है। जिसके कारण अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। चुनावी वादे और दावे के साथ नेता मैदान पर उतरते हुए दिखाई दे रहे हैं। रीवा नगर निगम में भी नेताओं ने अपनी ओर से चुनाव की तैयारियां शुरु कर दिया है। मैदान में उतर कर जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। इसी बीच रीवा नगर निगम चुनाव के मद्देनजर अब एक चाय बेचने वाले ने महापौर बनने का दावा पेश किया है।

मूलभूत सुविधाएं होंगी चुनावी मुद्दा

रावा के मुख्य बाजार शिल्पी प्लाजा पर विगत 20 वर्षों से चाय का ठेला लगाने वाले शग वाण शुक्ला ने इस बार महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। जिसके लिए म्होंने लगातार जनसंपर्क करना भी शुरू कर दिया है। रामवरण शुक्ला का कहना है कि शहर की मूलभूत समस्याओं को वह अपना चुनावी मुद्दा बनाकर मैदान में उतर रहे है। आग जनमानस का उन्हें खासा समर्थन भी मिल रहा है। रामवरण शुक्ला की मानें तो विगत 20 वर्षों से कह चाय का ठेला लगा रहे हैं। चाय बेचने के कारण शहर की 70 प्रतिशत जनता से उनका सीधा संपर्क होता है और अब वह दुकान में चाय पीने आने वाले ग्राहकों से वोट की अपील भी कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली थी। तब कहा गया था कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बना है। तब से ही सेवा के रहने वाले रामवरण शुक्ला ने भी राजनीति में अपने पैर आजमाने की ख्वाहिश मन में रख ली है। अब उन्होंने आगामी निकाय चुनाव के माध्यम से रीवा का नया महापौर बनने का दावा किया है। रामवरण शुक्ला का कहना है कि अगर एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री बन कर देश को चला सकता है, तो कभी महापौर बनकर रीवा नगर निगम को बाखूबी चला सकते है। रामवरण शुक्ला लगभग 35 वर्षों से समाज हित में कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से इनका सीधा सरोकार भी है। मगर वह निर्दलीय टिकट से ही चुनावी मैदान में उत्तरने की तैयारी कर रहे हैं।