नशाबंदी पर नीतिश मेरे आदर्श : कमल नाथ

मैं पार्टी के लिए 'फायर ब्रिगेड' हूं, एमपी में रहकर ही हर संकट दूर करता रहूंगा





भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ इन दिनों देश भर में दौड़धूप कर रहे हैं। पूर्व सीएम का कहना है कि कांग्रेस में उनकी भूमिका फायर ब्रिगेड वाली है, पार्टी से जुड़े विवाद और हर संकट में मेडम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर वे लगातार काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने झारखंड की सरकार पर आया संकट हल किया है, अब कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के मिशन पर हैं। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं। बावजूद इसके वे मध्यप्रदेश नहीं छोड़ेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर सक्रियता के बाद भी वे मध्यप्रदेश में बने रहेंगे। गांधी परिवार के करीबी और विश्वसनीय लोगों में शुमार और लगातार 40 सालों से केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे पर्व मख्यमंत्री नाथ ने मीडिया के साथ सौजन्य चर्चा में यह बातें कही। लंबे समय बाद मीडिया के साथ मेल-मुलाकात के बीच पूर्व सीएम ने कहा कि हाल ही में झारखंड के कई विधायक पार्टी से अलग होने वाले थे, एक होटल में पहुंच भी गए थे। मेडम के निर्देश पर मैंने हेमंत सोरेन से चर्चा की। उन्हें वस्तु स्थिति बताई। सभी को समझा बुझाकर संकट बचा लिया। अब मुझे बेंगलुर जाना है। इसके साथ ही किसानों के मददे पर गठबंधन के सदस्यों से लगातार चर्चा चल रही है। विभिन्न चुनावी राज्यों के परिदृश्य पर चर्चा करते हए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाथ ने कहा कि भाजपा की सारी बातें हवा हवाई हैं। इनसे बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ेगा। हरियाणा में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी काफी गंभीर हैं। मैं उन्हें युवा कांग्रेस में लाया था, मेरे अच्छे संबंध हैं। मैंने उनसे भी बात की। एलायंस को लेकर भी चर्चा चल रही है। वहां भी बीजेपी ज्यादा सफल नहीं होगी।

कांग्रेस को अध्यक्ष का फैसला जल्द करना चाहिए

राहुल गांधी को दोबारा कांग्रेस की कमान संभालना चाहिए या नहीं, इस सवाल पर नाथ ने कहा कि चाहे जो भी कांग्रेस को जल्द तय कर लेना चाहिए। उन्होंने कहाकि कांग्रेस में कुछ ही नेता ऐसे हैं, जिनसे अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका सीधी बात करते हैं। मेरी तीनों से लगातार बात होती रहती है।

एमपी कांग्रेस पर नहीं पड़ेगा असर

अपनी राष्ट्रीय स्तर पर व्यस्तता के कारण मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन कमजोर पडऩे और नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर नाथ ने साफ कहाकि ऐसा कुछ नहीं है। सभी जिम्मेदार नेता हैं, सारे काम हो रहे हैं। मैंने न तो पहले प्रदेशाध्यक्ष मुख्यमंत्री वा नेता प्रतिपक्ष का पद मांगा था और न अब इसके लिए कोशिश करता हूँ। यह फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व को करना है। में किसी पद की इच्छा नहीं करता। केवल काम करता हूं। मगर यह तय है कि मैं मध्यप्रदेश छोड़कर नहीं जाऊंगा।

एमपी में वर्क कल्चर की जरूरत

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाथ ने कहाकि मध्यप्रदेश में वर्क कल्चर की जरूरत है। मैंने मुख्यमंत्री रहते इसके लिए लगातार काम किया। कोई ऐसा काम जो कलेटर स्तर पर हो सकता है, वह पेंडिंग क्यों रहा और मंत्रालय तक आया ही क्यों? यह देखना होगा। मैं इस मामले में सीधे कलेटर को तलब करता था, लोगों की समस्याएं जिलों में ही हल होने लगी थीं। मगर अब फिर लंबित काम बढ़ गए हैं। वहीं सरकार को कमजोर और अधिकतम लोगों को रोजगार देने वाले कार्य करना चाहिए। ताकि रोजगार से जुड़ी एक्टिविटी लगातार चलती रहें। निवेश भी मध्यप्रदेश के हित को ध्यान में रखकर होना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहाकि पूर्व सीएम उमा भारती द्वारा शराबबंदी के लिए शुरू किए जा रहे अभियान में वे साथ हैं। उन्होंने कहाकि हमने तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी नशामुक्ति का वायदा किया था। इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को मैंने अपना आदर्श माना था।