मोदी सरकार कोरोना काल में प्रभावित हुए कर्जदारों के न ऋण माफ करेगी, न ब्याज

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि लोन मोरेटोरियम के चलते बैंक के कर्जदारों पर छह माह का ब्याज माफ नहीं कर सकते। ऐसा करने से सरकार को 6 लाख करोड़ का नुकसान होगा, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ब्याज माफ करने की बात कभी हुई ही नहीं। कोविड के चलते सरकार ने लोन की किस्तों में स्थगन का लाभ दिया था, क्योंकि काम धंधे धीमे पड़ गए थे, लेकिन लोन माफी या ब्याज माफी की बात कभी नहीं की। जस्टिस भूषण ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, जिससे अर्थ व्यवस्था पर असर पड़े। हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि सरकार द्वारा कुछ नहीं किया गया है, लेकिन आग्रह यह है कि और कुछ भी किया जाए, क्योंकि उद्योग जिस हालात से गुजरे रहे हैं, उसे देखते हुए कुछ और किए जाने की जरूरत है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लोन लोगों द्वारा बैंकों में किए गए जमाओं से दिया जाता है। हर एक लोन के पीछे आठ जमाकर्ता होते हैं। उस जमा पर हम ब्याज देते हैं और उससे ही लोन बांटा जाता है। यह सोच से परे है कि 6 लाख करोड़ का ब्याज माफ कर दिया जाए।