डबरा के किसान की मौत पर कमल नाथ बोले- शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी


 
भोपाल. किसान आंदोलन पिछले 41 दिन से चल रहा है और इस आंदोलन के दौरान अब तक 60 के करीब किसानों की मौत हुई है। मप्र के किसान की इस आंदोलन में हुई मौत को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ केंद्र सरकार पर भड़के। ट्विटर पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने लिखा कि किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। केन्द्र की तानाशाह सरकार, बेपरवाह होकर अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है। केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि किसान कड़कड़ाती ठंड में, बारिश में, सड़कों पर अपनी मांगों के हल को लेकर पिछले 41 दिनों से गुहार लगा रहे हैं। पूरा देश अन्नदाताओं के साथ है और उनका संघर्ष व केंद्र सरकार का अन्नदाताओं के प्रति अडिय़ल रुख देख रहा है।

किसान आंदोलन में सीधे तौर पर कांग्रेस शामिल नहीं है, लेकिन केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। आज एक बार फिर कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर भड़ास निकाली। उनका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों पर थोपे गए तीन काले कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन चंद औद्योगिक घरानों के हाथ की कठपुतली बनी हुई केन्द्र की भाजपा सरकार हर वह काम कर रही है, जिससे कि देश के किसान का ज्यादा से ज्यादा दमन हो व उद्योगपतियों की जेबें खूब भरें। बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर किसान संगठनों को विश्वास में लिए बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किए, बगैर मत विभाजन के कोरोना जैसी महामारी में संसद का सत्र बुलाकर आनन-फानन में इन कानूनों को किसानों पर जबर्दस्ती थोपा गया है। इन कानूनों का देश भर के किसान खुलकर विरोध कर रहे हैं। इन तीन काले कानूनों के खिलाफ पूरे देश के अन्नदाता कड़ाके की ठंड में सड़कों पर अपने परिवारों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। अभी तक 60 से ज्यादा किसान इस आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता व हिटलरशाही दिखा रही है। वो इन कानूनों को वापस नहीं ले रही है। वो इसे किसानों का आंदोलन तक मानने को तैयार नहीं है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि जब देश का अन्नदाता सड़कों पर है और सरकार उसकी सुनवाई तक करने को तैयार नहीं है।