तूफानों के विरुद्ध वही टिका है जिसे अपना जीवन लक्ष्य पता है!

जीवन की हर सुबह एक नई चुनौती लेकर आती है। जिसके विरुद्ध युद्ध ही जीवन जीने का एकमात्र उपाय है। ध्यान रहे हर चुनौती हमें पराजित और जीवन से निरुत्साहित करने की कोशिश करती है, लेकिन यदि हमारा जीवन उद्देश्य मजबूत है तो फिर वही चुनौती आपके लिए चैन की सांस बन जाती है।

इसलिए इस बात से सदा सावधान रहो कि तूफानों के विरुद्ध वही टिका है जिसे अपना जीवन लक्ष्य पता है! वास्तव में जीवन की राह में फूल कम और कांटे ज्यादा हैं। मंद-सुगंध पुरवाइयां कम और तूफान ज्यादा हैं, लेकिन कठिनाइयों के इस तूफान के विरुद्ध वही लड़ पाते हैं और अपनी जंग जीत पाते हैं जिन्होंने अपना जीवन लक्ष्य तय कर लिया है। जिसका जीवन उद्देश्य राम भक्ति अर्थात उस परम शक्ति की उपासना है जिसकी कृपा से यह जगत संचालित है तो फिर तुम्हें उस लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होगी। ठीक वैसे ही जैसे श्रीहनुमानजी के परम लक्ष्य के आगे विशालकाय समुद्र भी बोना पड़ गया। मानव जीवन की सबसे प्रबल शत्रु लोभ रूपी सुरसा भी हनुमानजी की राह नहीं रोक पायी। क्योंकि हनुमानजी का लक्ष्य है- रामकाज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम। प्रभु श्रीराम का काम अर्थात ऐसा शुभ सद्कर्म जिसके करने से घरपरिवार समाज व राष्ट्र का हित होता है और उसमें निवास करने वाले जनसाधारण को सुखशांति मिलती है। ऐसा जिसका जीवन लक्ष्य है। यानी राम भक्ति व राष्ट्र भक्ति ही जिसका जीवन लक्ष्य है। उसके सामने कोई तूफान अर्थात जीवन की कठिनाइयां-विश्व बाधाएं कभी टिक नहीं सकतीं। उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकी। इसलिए तमाम विपरीत परिस्थितियों और कठिनाइयों के तुफान के विरुद्ध टिके रहना है तो अपना जीवन लक्ष्य निर्धारित कीजिए।