नाराजगी का जोखिम नहीं उठाना चाहते शिवराज
सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री शिवराज पार्टी हाईकमान की हरी झण्डी के बाद मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को शामिल करने की तैयारी में है। लेकिन इसके अलावा बीजेपी के पुराने और दावेदार विधायकों में से किसी की लॉटरी लगेगी, यह गुश्किल नजर आ रहा है। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज नगरीय निकाय चुनाव से पहले किसी और विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल कर बाकी को नाराज करने का जोखिम नहीं मोल लेना चाहते। नगरीय निकाय चुनाव के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में नेताओं के दमखम का आकलन कर उन्हें जगह दी जाएगी।
दावेदारों की भीड़
दरअसल शिवराज मंत्रिमंडल में जगह की उम्मीद लगाए बैठे दावेदारों की सूची लंबी है। विंध्य इलाके से गिरीश गौतम, केएन शुक्ला, राजेंद्र शुक्ला के अलावा पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन पारस जैन, संजय पाठक समेत कई विधायक अपनी दावेदारी जता रहे है, लेकिन सीएम शिवराज नगरीय निकाय चुनाव से पहले किसी को खुश और किसी को नाराज़ करने का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। यही कारण है कि विवाद से बचने के लिए अभी सिर्फ सिंधिया समर्थक राजपूत और सिलावट को मंत्री बनाया जाएगा।
अगर ऐसा हुआ तो...
मंत्रिमंडल विस्तार में शिवराज संचालन साधने के लिए चौकाने वाला फैसला भी कर सकते हैं। बीजेपी में मंत्री पद के दावेदारों की लंबी सूची है। इसके लिए मुख्यमंत्री की पार्टी हाईकमान से भी चर्चा हो चुकी है। यदि विधायकों का दबाव बढ़ा तो विस्तार से पहले सीएम शिवराज कोई चौकाने वाला फैसला भी ले सकते हैं।
राव-सिधिया-शिवराज में सहमति
खबर ये भी है कि बीते दिनों भोपाल में पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की मुख्यमंत्री के साथ हुई मुलाकात और सिंधिया के साथ हुई चर्चा में इसी बात पर सहमति बनी है कि फिलहाल मंत्रिमंडल का ज्यादा विस्तार नहीं किया जाए। इसलिए अभी मंत्रिमंडल में दो ही मंत्रियों को शामिल करने की तैयारी है। सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी सिंह, एदल कंसाना, गिर्राज दंडोतिया का कार्यकाल 2 जनवरी को खत्म हो रहा है। उसके बाद मंत्रिमंडल में विस्तार की गुंजाइश ज्यादा हो जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज मंत्रिमंडल का जंबो आकार छोटा करने के मूड में हैं। यही कारण है दो ही विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।