केंद्र सरकार एमएसपी के लिए अपना सकती है मध्यप्रदेश मॉडल


नई दिल्ली. आंदोलनकारी किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 4 जनवरी को बातचीत को लेकर तैयारियों का दौर शुरु हो गया है। किसानों की दो मांगें मान लिए जाने के बाद सरकार और कृषि मंत्रालय के अधिकारी अन्य दो मांगों पर कैसे सहमति बने इसके सूत्र तलाश रहे हैं। एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार मध्यप्रदेश का भावांतर मॉडल किसानों के सामने रख सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद सलह के सूत्र तलाश रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और आला अफसरों से बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर किसानों को मनाने के लिए तैयार किए जा रहे रोडमैप से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी लगातार अपडेट करवा रहे है। हालांकि अंतिम निर्णय 3 जनवरी को होने वाली मंत्रियों की बैठक में लिया जाएगा। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसे लेकर ये आंदोलन चल रहा है।

धरनास्थल पर किसान ने लगाई फांसी

कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल एक किसान ने फांसी लगा ली है। किसान ने धरनास्थल पर शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 

एमएसपी व नए कानूनों पर फैसला अहम होगा

इधर, किसान नेता हनन मौला ने बताया कि हमारी जो दो मांग रह गई हैं, उन पर आगे की रणनीति को लेकर सभी किसान संगठन मिलकर पहले एक साथ चर्चा कर रहे हैं। इसके बाद हम 4 जनवरी को सरकार से चर्चा करेंगे। एमएसपी और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की बात अहम है। इसमें किसी भी फार्मूले पर समझौता नहीं करेंगे। हम सरकार से लगातार बातचीत कर रहे हैं। अब अगर सरकार इस पर नहीं मानती है तो कोई बात नहीं। हम हमारा आंदोलन जारी रखेंगे। अब बाकी राज्यों में रैली की तैयारी करेंगे और सरकार को घेरेंगे। उन्होंने आगे बताया कि पिछली बार भी सरकार ने नए कानूनों और एमएसपी के मसले पर संसद का सत्र बुलाने और संवैधानिक प्रक्रिया की बात का हवाला दिया था, लेकिन हम सरकार के किसी भी तरह के झांसे में आने वाले नहीं हैं।

आंदोलन तेज करने की चेतावनी

आज किसान आंदोलन का ३8वं दिन है। कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं, सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी हो इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के मुद्दों पर सहमति बन गई। किसानों और सरकार के बीच अब 4 जनवरी को अगली बैठक है। उम्मीद की जा रही है कि इस दिन प्रतिरोध खत्म हो सकता है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि 4 जनवरी को सकारात्मक नतीजे आएंगे।

इच्छा का ध्यान रखे सरकार : चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि किसानों की जरूरत और उनकी इच्छा का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार को ये कानून लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत हो जाना चाहिए।

बारिश ने बढ़ाई परेशानी

गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के सामने बारिश और ठंड दोहरी मुश्किलें लेकर आई है। दिल्ली में आज सुबह सुबह हल्की बारिश हुई है। इससे दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ गई है।

अगर बात नहीं बनी तो बंद करेंगे पेट्रोल पंप और माल

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को अब नए सिरे से धमकी दी है। किसानों ने कहा है कि अगर 4 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो फिर अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज करेंगे। इसके तहत किसानों ने कहा है कि वो हरियाणा में पेट्रोल पंप और मॉल्स को बंद करवा देंगे। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून को रद्द करे। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दें। बता दें कि दिल्ली की सीमा पर किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक छह दौर की बातचीत चुकी है, लेकिन अभी तक इस बातचीत का कोई नतीज नहीं निकला है। बुधवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच बिजली की कीमतें और पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर बातचीत हुई। कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों में इस मुद्दे को लेकर कुछ सहमति भी बनी है, लेकिन तीन नए कृषि कानून को वापस लेने के लिए अब तक बात नहीं बनी है। अब 4 जनवरी को एक बार फिर से किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होगी।