शिवप्रकाश की आमद से बढ़ा दिल्ली का दखल, संगठन मंत्रियों में जागी आस

एमपी-दिल्ली में चलेगा प्रेशर और पॉवर का गेम



भोपाल. अपनी कार्यकारिणी का इंतजार कर रही मध्यप्रदेश भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक और बड़ी नियुक्ति कर दी है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहली बार प्रदेश को एक साथ दो प्रभारी सचिव देने के बाद अब दिल्ली को ही भोपाल भेज दिया है। अब राष्ट्रीय स्तर के चार नेताओं का मध्यप्रदेश पर दखल रहेगा। इससे प्रदेश की संगठनात्मक गतिविधियां सीथे दिल्ली की नजर में रहेंगी। वहीं प्रदेश संगठन का दिल्ली तक पॉवर बढऩा तय है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक बड़ा फैसला करते हुए सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को मध्यप्रदेश का दायित्व सौंपा है। खास बात यह है कि शिवप्रकाश का मुख्यालय दिल्ली की बजाय भोपाल किया गया है। यानी श्री प्रकाश अब भोपाल में रहकर ही अपने प्रभार के राज्यों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इससे पहले संगठन महामंत्री मुरलीधर राव को प्रदेश प्रभारी बनाने के साथ ही राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे और विश्वेश्वर नुडू को सह प्रभारी नियुक्त किया गया था। ये तीनों नेता प्रदेश में अपनी आमद दे चुके हैं। अब शिवप्रकाश के आते ही प्रदेश में संगठनात्मक गतिविधियों के साथ चहल पहल भी बढऩा तय है। अभी तक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष खुद ही मध्यप्रदेश का प्रभार देख रहे थे। अब उन्होंने खुद को पूरी तरह फ्री कर लिया है। शिवप्रकाश के पास मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल की कमान भी सौंपी गई है। मुख्यालय भोपाल होने से इन पांच राज्यों की गतिविधियों का केंद्र भी भोपाल का बनना तय है। इससे आने वाले सालों में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में इन पांच राज्यों के नेताओं की चहलकदमी भी बढ़ती नजर आएगी।

सौदान सिंह ने जगाई आस



सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को मध्यप्रदेश की कमान सौंपने के साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सौदान सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ को जिम्मेदारी सौंपी है। श्री सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने से प्रदेश में सह संगठन मंत्रियों की उम्मीदें भी जाग गई हैं। लंबे समय से संभागों में संगठन का काम देख रहे सह संगठन मंत्री इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में जगह पाने के लिए प्रयासरत थे। अब सौदान सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिलने से सभी की उम्मीद जाग गई है और प्रतीक्षारत कार्यकारिणी में पद पाने के लिए सभी नए सिरे से दौड़-भाग कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश का बंटा महत्व

मध्यप्रदेश का संगठन पूरी भाजपा में आदर्श माना जाता है। ऐसे में एक साथ चार राष्ट्रीय नेताओं को यहां भेज कर राष्ट्रीय नेतृत्व ने जहां मध्यप्रदेश का महत्व भाजपा के लिए बताया है। वहीं राष्ट्रीय नेतृत्व के इस कदम को 2018 के विधानसभा चुनाव में रह गई कमी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। तीन साल बाद होने वाले चुनाव के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अभी से मध्यप्रदेश को अपने टारगेट पर लिया है। इसका असर जल्द ही कामकाज और कार्यक्रमों में नजर आने लगेगा।