जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं हम डटे रहेंगे


नई दिल्ली. 
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार नौवें दिन जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वो डटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बिजनौर से आए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं. जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे गाजियाबाद में किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर बंद होने से उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। एक यात्री ने बताया, मैं बुलंदशहर से आया हूं, मझे बच्ची का ऑपरेशन कराने एम्स जाना था। मुझे यहां फंसे हुए एक-डेढ़ घंटा हो गया है। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर किसान डटे हुए हुए है। आज सुबह किसान दिल्ली से आने वाली लेन पर पहुंचे और जाम लगा दिया। चंद मिनट बाद खुद ही उस लेन से हटकर दिल्ली जाने वाली लेन पर आ गए।

सिंघु बॉर्डर पर कोरोना का खतरा बढ़ा

सिंधु बॉर्डर पर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रखा है। प्रदर्शनकारी किसानों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा तादाद बुजुर्ग किसानों की नजर आ रही ही मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों की टीम किसानों को दवाई उपलब्ध भी करवाने में जुटी हुई है। यहां मौजूद डॉक्टरों का कहना कि यहां लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा बढ सकता है। हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि बीते कुछ दिनों से यहां सर्दी खांसी, बुखार और गले के खराब होने के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सरकार की तरफ से 10 मेडिकल टीमें तैनात की गई है। सभी जगह केवल इसी तरह के केस आ रहा हैं। ज्यादा मात्रा में सर्दी खांसी और बुखार की दवाइयां मंगवानी पड़ रही है। बुजुर्गों की संख्या इसमें सबसे ज्यादा है।

किसानों ने पांच नेशनल हाईवे रोके तो जरूरी सामान की हो जाएगी किल्लत

कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और दिल्ली के सभी सस्ते धीरे-धीरे बंद किए जा रहे है। वहीं सरकार के साथ वीरवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है जिसका सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसानों को पता चला तो उनका गुस्सा और भड़क गया और सरकार पर दबाव बनाने के लिए पांच नेशनल हाईव को बंद करने की तैयारी किसान कर रहे हैं। किसान संगठन कभी भी अन्य बचे नेशनल हाईवे को बंद कर सकते हैं, जिससे दिल्ली समेत कई राज्यों के लिए परेशानी सी जाएगी।