लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी




भोपाल. लव जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे कानुन संबंधी धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम - 2020 अध्यादेश को आज कैबिनेट ने औपचारिक हरी झंडी दे दी है। पिछली कैबिनेटमें इसे विधेयक के रूप में मंजूरी दी गई थी, जिससे कि इसे विधानसभा में पेश किया जा सके। अब इसे अधिनियम के रूप में अध्यादेश के लिए मंजूरी दी गई है। कैबिनेट की मंजरी के बाद गृह विभाग ने आनन-फानन में इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल को भेज दिया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिनियम प्रदेश में प्रभावी हो जाएगा। इसी के साथ लव जिहाद के खिलाफ कानून वाले राज्यों में मप्र भी शामिल हो जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि राज्यपाल आज ही इस अधिनियम को औपचारिक हरी झंडी दे देंगी। राज्यपाल को मंजरी के बाद इस संबंध में आज की तारीख में ही अधिसूचना जारी होगी और इसी के साथ यह अधिनियम प्रदेश में प्रभावी हो जाएगा। एक ही दिन अध्यादेश को कैबिनेट में मंजरी, फिर राज्यपाल की अनुमति और फिर नोटिफिकेशन जारी होने का यह दुर्लभ मामला होगा, जिसमें राज्य सरकार बलेट टेन की रफ्तार से इस अधिनियम को प्रदेश में लागू करने जा रही है।

मोहम्मद रफीक के खिलाफ हो सकती है अधिनियम के तहत कार्रवाई :

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम2020 अध्यादेश को कैबिनेट की मंजरी से एक दिन पहलेही लव जिहाद का एक मामला प्रमुखता से आया है। इस मामले में एक युवक मोहम्मद रफीक ने नाम बदलकर अपने को रवि यादव बताया और एक हिन्दू लकड़ी से मौदर में हिंदू रीति-रिवाज के हिसाब से विवाह करने की कोशिश की। इससे पहले कि शादी होती, उसके आधार कार्ड की जांच की गई तो आधार कार्ड भी फर्जी निकला। बाद में कपटपूर्ण सकेगायुवक के दूसरे धर्म के होने की जानकारी लगी, उसके बाद शादी रुकवा दी गई। बाद में इस मामले का लकर राजधानाही के कोलार थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। अब संभावना उसके जताई जा रही है कि इस अधिनियम के तहत इस मामले में पहला प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।

यह अध्यादेश भी मंजर

मप्र विनियोग अनुपूरक अध्यादेश - 2020 मप्र सहकारी सोसायटी संशोधन यादेश -2020 मा निजी विवि संशोधन अध्यादेश-2020 मप्र लोक सेवा गारी सोयन अध्यादेश- 2020 मप्रवैट संशयन अध्यादेश-2020

अधिनियम में किए गए हैकडे प्रावधान

सत्य स. 2000 में ला शिलाद के मामलों को लेर कटे प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत आरोपी को अधिकतमवसकाकी सज हो की है, वहीं एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान में किया गया है। इस अधिनियम के तहत अब कोई भी व्यक्ति प्रलोभन, पाकी, बल प्रयोग या अन्य कपटपूर्ण तरीके से धर्म परिवचि नहीं करा सकेगा और न ही सदी कर सकेगा। इस तरह से किया गया विवाह कूय घोषित होगाउसकी कोई विधिक मन्या नहीं होगी पैलक धर्म में वापस को इस अधिनियम में धर्म परिवतंत्र राजधानाही मान्य हेपितकं वह ममय जोधक के जम के समय उसके पिता काय नियम के तहत दोष होने के सबूत पेटत करने की बाध्या आरोप को ही होगा इस अधिनियम में पाझा महिला एवं बचा हुए बच्चे को भरण-पोषण प्रस करने का अधिकारी होगा।