ई-टेंडरिंग की जांच में सीईआरटी का अडंगा!

भोपाल. करोड़ों के ई-टेंडरिंग में टेम्परिंग के माध्यम से किए गए घोटालों में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) 11 माह बाद भी तकनीकी गड़बड़ी की फोरेंसिक रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को उपलब्ध नहीं करा पाई। सीईआरटी ने टेम्परिंग की टेक्निकल रिपोर्ट भेजने के बजाय इस मामले में ईओडब्ल्यू से नाई जानकारी मांगी है। इससे जांच पर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में दस माह से जांच यथावत बनी हुई है, जो संदेह के घेरे में आने लगी है। ईओडब्ल्यू ने टेंडर टेम्परिंग के 9 मामलों की हार्डडिस्क को जांच के लिए सीईआरटी को भेजा था। इनमें तीन टेंडर में टेम्परिंग पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईप्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ से करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया था। तीन टेम्परिंग के मामले छोड़कर बाकी छह टेंडर ऐसे थे, जिनकी तकनीकी जांच में तथ्यों की कमी पाई गई थी। इसकी दोबारा जांच के लिए सीआईआरटी के दो अफसरों की टीम फरवरी माह में ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल आई थी। इन्होंने संदिग्ध छह टेंडरों के रिकॉर्ड खंगाले हैं। प्रारंभिक जांच में पोर्टल में छेड़छाड़ के तथ्य मिले। सीईआरटी ने इस 11 माह की अवधि में फोरेंसिक रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को उपलब्ध कराने के बजाय कछ नई जानकारी मांगी है। सीईआरटी ने कुछ बिंदुओं पर और जानकारी मांगी है। यह उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बाद सईबरटी की थेट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।