पंचायत में नौकरी और खाते में मनरेगा का पैसा

इंदौर. बांक पंचायत में बड़े हेरफेर का खुलासा हुआ है। ऐसे लोगों को मजदूर बताकर पैसा ले लिया जो कर्मचारी हैं। उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है। 

कल जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र को रहवासी जाकिर खान ने दस्तावेजों के साथ मनरेगा में चल रहे घालमेल की शिकायत की। उन्होंने बताया कि सरपंच लक्ष्मीबाई और सचिव प्रहलाद नील को मिली-भगत से बड़ा खेल हो गया है। पंचायत में ऐसे लोगों को मजदूरी का पैसा दिया जा रहा है, जो पहले से कर्मचारी हैं। उन्होंने पांच लोगों के नाम बताए हैं, जिसमें अकरम अली, मोहम्मद हनीफ, मोहम्मद रशीद, आकाश सोलंकी और महादेव छोगालाल शामिल हैं। इन्हें मनरेगा में काम पर रखा गया है और पगार भी दी जाती है, उसके बावजूद मजदूरी का पैसा इनके खाते में डाला जा रहा है। मोहम्मद रशीद ने तो दस्तावेजों में भी खेल कर दिया है। उसेन कालू नाम रख लिया है और उसी के जरिये पैसा भी लिया है। दस साल में लाखों रुपए का घपला किया है। जिला पंचायत सीईओ ने इसकी जांच शुरू करवा दी है। माना जा रहा है कि इस मामले में केस दर्ज हो सकता है।