फल और सब्जियों से नहीं फैलता कोरोना

इंदौर. कोरोना काल में संक्रमण की वजह से लोगों के मन में सबसे ज्यादा डर फल और सब्जियों को लेकर बैठाया गया है। लोगों के जहन में ये सवाल रहता है कि बाजार से लाई हुए फल और सब्जियां खाने से कहीं संक्रमण की चपेट में न आ जाएं। इन सवालों का जबाव दते हुए इंदौर के डॉक्टर्स की टीम ने एक रिसर्च की है। जिसमें दावा किया गया है, कि कोरोना सब्जियों और फलों से नहीं फैलता। अरबिंदो मेडिकल कॉलेज से जुड़े न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अजय सोडाणी, डॉ. राहुल जैन, और डॉ. कपिल तैलंग ने ये रिसर्च की है। जो इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन में भी प्रकाशित हुई थी।


ऐसे हुई रिसर्च


रिसर्च के लिए सब्जी-फल बिक्री वाले इलाकों जैसा माहोल बनाया। डॉ. अजय सोडाणी ने बताया कि इन मरीजों के सामने फलों और सब्जियों से भरी एक ट्रे 30 मिनट तक रखी गई। मरीजों के मास्क हटवाए और हाथों में खांसने को कहा। इसके बाद उनके हाथ में फल-सब्जियां रख दी। उनसे ये प्रक्रिया पांच-पांच बार करवाई गई फिर इन फल-सब्जियों को ट्रे में रखकर एक घंटे के लिए छत पर रखा जाता, जहां प्राकृतिक हवा थी, पर सूर्य की रोशनी सीधी नही पड़ती थी। एक घंटे बाद फल-सब्जियों की सतह से सैंपल लिए और इन्हें आमटीपीसीआर जॉब के लिए भेजा। किसी भी फल या सब्जी में संक्रमण नही मिला इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोवाफी भी करवाई गई।


10 संक्रमित मरीज बने थे रिसर्च का हिस्सा


डॉ. अजय सोडणी के मुताबिक, रिसर्व के लिए अस्पताल में भर्ती अलग-अलग उसके 10 पॉजिटिव मरीजों के साथ प्रयोग किया इनमें पांच महिलाएं वी। इनमें एक मरीज ऐसा भी था, जिसमें लक्षण नहीं थे, जबकि अन्य मरीजों को बुखार, जकाम और सांस लेने की तकलीफ थी। ये सभी वे थे, जिनकी रिपोर्ट दो से पांच दिन पहले ही पॉजिटिव आई थी।


प्रक्रिया की हुई वीडियो रिकॉर्डिंग


अरबिंदो अस्पताल के न्यूरोलोजी विभाग के प्रमख डॉ. अजय सोडानी ने बताया कि फल-सब्जी के संक्रमण की बातें सामने आई तो हमने इसके पीछे के वैज्ञानिक तरस जानने की कोशिश की। उसी क्रम में यह रखी की गई। पूरी प्रकिया की वीडियोग्राफी भी की है। सवं तक कि लैब में जब सैंपल भेजे, तो उसे भी भोपनीय रखा इससे पहले डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिसीज कोल (सीपीसी) भी कह चुका है कि सजीया फलों के कारण संक्रमण नी फैलता। इसके बावजूद लोगों के जहन में सब्जी-फल खरीदते वक्त संक्रमण का डर बना रहता है। डाक्टर कपिल तैलंग बताते है कि इस रिसर्व पर काममई से शुरू किया गया था। इसके बाद मेडिकल जनरल के में मान्यता के लिए भेजा गया। जहां इसका रिव्यू हुआ। इंटरनेशनल लेवल पर भी इस रिसर्थ को पा गया है।लोग संजियों को संक्रमण मुक्त करने के लिए तरह-तरह के कैमिकल प्रयोग कर रहे हैं। इन कैमिकल्स की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। कई लोग तो डर की वजह से ही सजिया लेने से भी बवते पाए गए हैं। जिससे उनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी आ रही है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। लेकिन इन डॉक्टर्स की रिसर्च के मुताबिक सजी ना माना या संक्रमण मुक्त करने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल करने की जानत नहीं है। इस रिसर्वस ये समाने आया है कि सजी और फल खाने से कोरोना नही फैलता है।