मां दुर्गा के नौ अवतार हैं और उनमें से एक मां काली का भी रूप है। इस अवतार में मां काली बहुत भयंकर दिखती हैं और कहते हैं कि पापियों को मां काली कभी क्षमा नहीं करती हैं। भले ही मां काली का रूप इतना करुणामयी ना हो लेकिन उनकी आराधना करने वाले व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है। भक्तगण कई कारणों और समस्याओं के निवारण हेतु मां काली का पूजन करते हैं।
काली पूजन से लाभ
मां काली को काले रंग का प्रतीक माना जाता है। सिद्धि और पराशक्तियों की आराधना करने वाले साधकों को मां काली के पूजन से सबसे ज्यादा लाभ होता है। किसी भी कार्य का तुरंत परिणाम देने के लिए मां काली को जाना जाता है। साधक को साधना पूरी करने के बाद भी उसके लाभ और फल मिलने शुरु हो जाते हैं और फल साधना के बाद ही पता चल पाते हैं। अगर मां काली आपकी उपासना से प्रसन्न होती हैं तो उनके आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत खुशहाल बन सकता है।
मां काली की पूजा का महत्व
मां काली की पूजा से मन के भय का अंत होता है। भक्तों को रोग से मुक्ति मिलती है। मां काली की पूजा से राहु और केतु शांत होते हैं। मां काली की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है। अगर आपको शत्रुओं का भय रहता है या आपके मन में ही कोई ना कोई भय या डर बना रहता है तो आपको मां काली के पूजन से लाभ हो सकता है।
मां काली की पूजन विधि
घर पर मां काली का पूजन बहुत ही कम किया जाता है लेकिन अगर आप अपने घर पर मां काली का पूजन करना चाहते हैं तो आपको इसकी पूजन विधि जान लेनी चाहिए। अपने घर के पूजन स्थल में मां काली की प्रतिमा या तस्वीर लगाएं। अब इस पर तिलक लगाएं और पुष्प अर्पित करें। मां काली के पूजन में लाल रंग के पुष्पों का ही प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा काले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। अब एक आसन पर बैठ जाएं और मां काली के किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करें। मां काली को प्रसन्न करने के लिए काली गायत्री मंत्र या मां के बीज मंत्रों का जाप करना सबसे अधिक फलदायी रहता है।
मंत्र जाप के बाद प्रसाद को मां काली को सबसे पहले अर्पित करें। जब तक कि आपकी कोई इच्छा पूरी नहीं होती है तब तक आप काली पूजन को जारी रख सकते हैं। अगर आप विशेष उपासना करना चाहते हैं तो सवा लाख, ढाई लाख, पांच लाख मंत्र का जप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
मंत्रों से मां काली की पूजा
मां काली को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। शास्त्रों में इन मंत्रों का वर्णन मिलता है और इन्हें बहुत फलदायी भी माना गया है। मां काली के मंत्र जाप में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंत्रोच्चारण शुद्ध होना चाहिए और कुछ मंत्रों को विशेष संख्या में ही जाप करना चाहिए।
द्विअक्षर मंत्र से पूजा
काली की साधनाओं और उनके प्रचंड रूपों की आराधनाओं के लिए द्विअक्षर मंत्र क्रीं क्रीं और त्रिअक्षरी मंत्र क्रीं क्रीं क्रीं बहुत विशिष्ट मंत्र माना जाता है। इनका प्रयोग तांत्रिक साधनाओं में पहले और बाद में किया जा सकता है।
मां काली के पूजन में इन बातों का रखें ध्यान
- मां काली का पूजन अधिकतर रात के समय किया जाता है लेकिन आप चाहें तो सुबह के समय भी मां काली की पूजा कर सकते हैं।
- रोज़ मां काली की पूजा करने के बाद हो सकता है कि आपको किसी पराशक्ति का अनुभव हो, इससे घबराएं नहीं। यह केवल एक तरह की शक्ति है जो मां काली का पूजन करने के बाद आपकी रक्षा के लिए उत्पन्न होती है।
- पूजा का उचित समय मध्य रात्रि का होता है। मां काली की पूजा में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व होता है। मंत्र से अधिक ध्यान करना लाभकारी सिद्ध होता है।
पाप के नाश के लिए हुआ जन्म
धरती पर जब असुरों की संख्या बढ़ रही थी तो इसी के साथ पाप भी बढ़ने लगा था। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था। असुरों को मारना भी व्यर्थ हो रहा था क्योंकि उन्हें मारने पर उनके रक्त की एक बूंद भी धरती पर गिरती थी तो अनेक असुर पैदा हो जाते थे। सभी देवी-देवताओं ने मिलकर मां शक्ति से प्रार्थना की कि वे ही इस समस्या का निवारण करें।
तब देवी शक्ति ने अपने नौ स्वरूपों में से एक मां काली को असुरों के नाश के लिए भेजा। मां काली का स्वरूप अत्यंक विकराल था। मां काली ने असुरों का कुछ इस तरह नाश किया कि उनके रक्त की एक भी बूंद धरती पर ना गिर पाई। मां काली रक्त की एक-एक बूंद पी जाती। इस तरह राक्षसों का नाश तो हो गया लेकिन मां काली रक्त पीने के लिए आतुर गई। तब मां काली को शांत करने के लिए भगवान शिव उनके चरणों के नीचे आ गए। अपने पति को अपने चरणों में पाकर मां काली अचंभित हो गईं और उनकी जीभ बाहर निकल आई। बस तभी से मां काली के इसी स्वरूप की पूजा की जाती है जिसमें उनकी जीभ बाहर निकली हुई हो।
दीवाली पर काली पूजा का महत्व
बंगाल, उड़ीसा के कुछ हिस्सों में दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी की जगह मां काली की पूजा की जाती है। दीवाली की रात तंत्र साधना के लिए भी बहुत महत्व रखती है। अगर आपको कोई भय सता रहा है या शत्रुओं को लेकर आप परेशान रहते हैं तो आपको अपने घर में मां काली का पूजन करवाना चाहिए। आप स्वयं भी घर पर मां काली का पूजन कर सकते हैं। मंत्रों के जाप से भी मां काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अगर एक बार मां काली आप पर प्रसन्न हो गईं तो आपके जीवन के सारे दुख दूर हो जाएंगें और कार्यों में आ रही अनावश्यक देरी भी दूर होती है।