शराब नहीं पिलाने पर दोस्त ने की दोस्त की हत्या

चार दिन पूर्व गांव रोहलखुर्द में हुई हत्या का हुआ खुलासा



नागदा। शराब के नशे की लत एक बार फिर दो परिवार पर कहर बरपा दिया। एक परिवार का बेटा मौत के मुंह में समागया और दूसरे परिवार का बेटा का कारावास में पहुंच गया। चार दिन पूर्व 19 फरवरी की रात को गांव रोहलखुर्द में हुई एक युवा किसान मनोहरसिंह पिता उदय सिंह भाटी की हत्या का खुलासा पुलिस ने सोमवार शाम 6 बजे कर दिया। पुलिस ने मंडी थाने में प्रेस वार्ता आयोजित कर घटनाक्रम का खुलासा किया। पुलिस ने आरोपी दोस्त विनोद पिता शंकर बागरी उम्र 40 वर्ष को भी गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस आरोपी को मंगलवार को न्यायालय में पेश करेगी। पुलिस हत्या में उपयोग किया गया चाकू पूर्व में ही बरामत कर लिया था। आरोपी ने हत्या करने कबूल कर लिया। जिसके चलते अब पुलिस आरोपी का रिमांड श्याद ही ले। पुलिस ने आरोपी विनोद के खिलाफ भादवी की धारा 302 में प्रकरण दर्ज किया।



शराब अधिक नहीं पिलाने से नाराज होकर हुई हत्या
पुलिस के मुताबिक आरोपी विनोद व मृतक मनोहरसिंह दोनों दोस्त थे। दोनों शराब पीने के आदी थी। कई बार दोनों ने साथ में शराब का सेवन किया। घटना वाले दिन 19 फरवरी की शाम को विनोद व मनोहर ने गांव में से देशी शराब खरीदी और रात 10 बजे साथ में बैठकर पी। मृतक के पास तीन देशी शराब के क्वाटर थे। दोनों ने एक-एक क्वाटर का सेवर कर लिया था। जिसके बाद मनोहर सिंह ने विनोद को जाने को कहा और खुद भी घर की और जाने लगा। लेकिन विनोद ने मनोहर को रोका और बचा हुआ क्वाटर भी पिलाने को कहा। इस पर मनोहर ने मना कर दिया तो विनोद ने मनोहर को गाली बकी, जिससे मनोहर नाराज हो गया और उसने विनोद को मारने के लिए जेब में से चाकू निकाला, लेकिन विनोद ने मनोहर  का हाथ पकड़ा और उसके हाथ से चाकू छिनकर उस पर ही वार दिया। चाकू मनोहर के गर्दन पर लगा, जिससे उसकी नस कट गई और खून अधिक बहने लगा। मनोहर अब जमीन पर गिर गया तो विनोद मृतक की शर्ट को उठाकर गांव में बन रहे स्कूल की और चला गया। स्कूल के सामने शर्ट को फेंकर और खुद की शर्ट को धोकर घर में जाकर छुपा दी थी और रात को ही अपने खेत पर जाकर सो गया था।
आरोपी व मृतक पर दर्ज है अपराध
घटनाक्रम में मौत का शिकार हुए मनोहरसिंह व आरोपी विनोद पर मंडी पुलिस थाने में कई अपराध प्रकरण दर्ज है। आरोपी विनोद पर दो प्रकरण वर्ष 2007 में चोरी कि धारा 379 में तथा वर्ष 2009 में मारपीट की धारा 323, 294, 506 व 504 में प्रकरण दर्ज है। जबकि मृतक मनोहरसिंह पर वर्ष 2014 में चोरी की धारा 379 में अपराध दर्ज है। दोनों ने गांव में से विद्युत केबल की चोरी कि थी।  
इन की रही भूमिका
घटना के बाद उज्जैन एसपी सचिन अतुलकर ने एससपी आकाश भूरिया व सीएसपी मनोज रत्नकार को शीघ्र ही घटनाक्रम के खुलासा करने का निर्देश दिया था। जिस पर थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, एसआई जीवनसिंह भिडोरे, एसआई राजेश कलमी, एसआई प्रीति कनेश, एएसआई आरएस पंवार, आरक्षक नीरज पटेल, सुनील बैस, दिनेश गुर्जर, आर ईश्वर, यशपाल सिंह, विनोद माली, सुखदेव की भूमिका रही।