पौने चार सौ साल पुराना है टीले वाली मस्जिद का इतिहास


1857 की क्रांति की दास्तां बयां करती है लखनऊ शहर की टीले वाली मस्जिद। यह शहर की सबसे मशहूर मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का इतिहास करीब पौने चार सौ साल पुराना है। पक्के पुल के पास औरंगजेब के शासनकाल में बनी यह मस्जिद वर्ष 1901 में अंगे्रजों के कब्जे से छुड़वाई गई। उस समय मौलाना सैयद शाह वारिस हसन पहले मुतवल्ली बने। इसके बाद वर्ष 1936 में मौलाना सैयद शाह वायज हसन, वर्ष 1989 में मौलाना सैयद शाह फजलुर रहमान वायजी इस मस्जिद के इमाम बने। जनवरी 2017 में उनके गुजर जाने के बाद मौलाना कारी सैयद शाह फजलुर मन्नान रहमानी मस्जिद के इमाम बने।