यह गुरुद्वारा सिखों के पाँच पवित्र तख्त में से एक है

सिख आस्था से जुड़ा दर्शनीय स्थल तख्त श्री पटना साहिब



तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा पटना शहर में स्थित सिख आस्था से जुड़ा यह एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। यहाँ सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान है। गुरु गोबिंद सिंह का बचपन का नाम गोबिंद राय था। यहाँ महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया गुरुद्वारा है जो स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है। यह स्थान सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के जन्म स्थान तथा गुरु नानक देव के साथ ही गुरु तेग बहादुर सिंह की पवित्र यात्राओं से जुड़ा है। आनंदपुर जाने से पूर्व गुरु गोबिंद सिंह के प्रारंभिक वर्ष यहीं व्यतीत हये। यह गरुद्वारा सिखों पाँच पवित्र तख्त में से एक है। भारत और पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे तरह, इस गुरुद्वारा को महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनाया गया था। गुरुद्वारा श्री हरिमंदर जी पटना साहिब बिहार के पटना शहर में स्थित है। श्री गुरु तेग बहादुर सिंह साहिब जी यहां बंगाल व असम की फ़ेरी के दौरान आए। गुरू साहिब यहां सासाराम ओर होते हुए आए। गुरू साहिब के साथ माता गुजरी जी ओर मामा किर्पाल दास जी थे। अपने परिवार को यहां छोड़ कर गुरू साहिब आगे चले गए। यह जगह सलिसराय जौहरी का घर था। श्री सलिसराय जौहरी श्री गुरू नानक देव जी का था। श्री गुरु नानक देव जी भी यहां श्री सलिसराय जौहरी के घर आए थे। जब साहिब यहाँ पहुँचे तो जो डेउहरी लांघ कर अंदर आए वो अब तक मौजूद है। श्री तेग बहादुर सिंह साहिब जी के असम फेरी पर चले जाने के बाद बाल गोबिंद राय का जन्म माता गुजरी जी की कोख से हुआ। जब गुरु साहिब को यह खबर मिली गुरू साहिब असम में थे। बाल गोबिंद राय जी यहां छह साल की आयु तक रहे।