संकट मोचन हनुमान के चमत्कार से राजा ने जीता युद्ध


एक बार दो राजाओं के बीच युद्ध हुआ और उस लड़ाई में एक राजा जंग हारने की कगार पर था। उसकी सारी सेना मारी जा चुकी थी। अब उसने सोचा कि वह अकेला युद्ध में क्या करे तो इसी वजह से वह वहां से भाग गया और भागता हुआ भर्तहरी गुफा में पहुंचा। उस गुफा में एक साधु अपने ध्यान में लीन बैठे थे। जब वह ध्यान से मुक्त हुए तब उन्होंने राजा से पूछा कि वह कौन है और वे कहां से आया। तब राजा ने सब वृतांत उन्हें सुनाया। महात्मा ने उसे रोटी के टुकड़े दिए और कहा कि जब तक ये खत्म नहीं होते तब तक तुम पीछे नहीं मुडऩा और जहां ये खत्म हो जाएं वहां एक मंदिर मिलेगा वहीं तुम्हारी मुश्किलों का हल भी होगा। राजा ने वैसा ही किया और जहां टुकड़े समाप्त हुए वहीं पर हनुमान जी का मंदिर था। वह भगवान को प्रणाम करने के लिए अंदर गया और जैसे ही वह वहां से निकला तो भारी सेना उसका पीछा करने लगी। लेकिन इस बार भागने की बजाय वह युद्ध लड़ा और उसने जीत भी हासिल की।