अफसरशाही सहित कांग्रेसी नेताओं की मिलीभगत होने के लगाए आरोप
पूर्व राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार भी मिलने पहुंचे
प्रदीप गांगले
खरगोन। मध्यप्रदेश में किसान की आत्महत्या के मामले थमने का नाम ही नही ले रहे है। किसान कहीं कर्ज के चलते, तो कही अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करते, तो कहीं राजनीति आड़े आ रही, जिससे किसान आत्म हत्या पर उतारू हो रहे है।
खेतों में निस्तार तालाब का पानी भरा होने से किसान आज गेहूं चने की फसलो की बोनी नहीं कर पा रहे वही अफसर आवेदन तो लेते हैं सुनवाई नहीं करते, वहीं कांग्रेसी नेताओं की सुनकर हमारा नुकसान कराया जा रहा है। इतना कहकर जनसुनवाई के दौरान अफसरों के सामने किसान ने खुद पर केरोसीन डाल लिया था। जिस पर अपर कलेक्टर द्वारा जांच चल रही है ओर पानी खत्म होने पर सीमांकन करने की बात कही है गई थी, जबकि किसान की सुनवाई नहीं होने से आहत था। किसान का साफ कहना था की वह 13 अगस्त से आज दिनांक तक सात बार शिकायत कर चुका है, आज भी शिकायत लेकर पहुंचा था जिस अफसर शाही के चलते मेरी सुनवाई नहीं होती थी। जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट में उस वक्त हडक़ंप मच गया, जब एक किसान ने अफसरों के सामने खुद पर केरोसीन ड़ाल लिया था । किसान इस बात से आहत था कि उसकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है। आवेदक रामेश्वर कुशवाह निवासी ठीबगांव ने बताया कि उनके गांव में निस्तार तालाब कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाया गया है , जिसका पानी खेतों में घुसने से हर साल खरीफ की फसल चौपट हो जाती है। यह तालाब गलत स्थान पर बनाया गया है। इसकी शिकायत लेकर वह जनसुनवाई में पहुंचकर आवेदन देने पहुंचा था लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही। इससे दु:खी होकर किसान ने खुद पर घासलेट डाल लिया। इसी दौरान कलेक्टोरेट में मौजूद पुलिसकर्मियों ने दौडक़र किसान को रोका। अन्यथा वह खुद को आग लगा सकता था। फिलहाल किसान का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। जिसे देखने के लिए पूर्व राज्य मंत्री बालकृष्ण पाटीदार पहुंचे थे किसान की समस्या सुनकर उसकी उचित सहायता के लिए आश्वासन दिया है।