केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में मिल रही संगीत की शिक्षा

 


उज्जैन कैदियों का मानसिक स्तर और उनकी जीवनशैली को सुधारने के लिए अब संगीत का सहारा लिया जा रहा है। जेल के कैदी एक महीने की संगीत की शिक्षा लेने के बाद सभागृह में भक्ति के गीत गाते हैं, जैसे वे कई सालों से संगीत की शिक्षा ले रहे हो।



केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कैदियों को दी जा रही है संगीत की शिक्षाकेंद्रीय जेल भैरवगढ़ की अधीक्षिका अलका सोनकर का कहना है कि वैसे तो कोई प्रोफेशनल सिंगर नहीं है, लेकिन उनकी देखरेख में अब जेल के करीब 20 से अधिक बंदी रोजाना संगीत की शिक्षा ले रहे हैं। जेल अधीक्षिका का मानना है कि संगीत के माध्यम से कैदियों को थेरेपी भी दी जा रही है। इससे तनाव दूर होता है और हम यही चाहते हैं, कि कैदियों को तनाव से दूर रखा जाए। अधीक्षिका अलका सोनकर ही कैदियों को शिक्षा दे रही हैं और उनका साथ देने के लिए कुछ ऐसे भी बंदी हैं, जो पहले से संगीत में अच्छा खासा ज्ञान रखते हैं। इनसे भी मदद ली जा रही है। आज ना सिर्फ पुरुष कैदी, बल्कि महिला कैदी भी संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और कैदी दिल दिया है जान भी देंगे गाने सूना रहे हैं तो महिला कैदी, दिल है छोटा सा छोटी सी आशा गाने सुनाते नजर आ रहे हैं। अभी कराओके की मदद से गाना गाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। अगले फेस में एनजीओ से बात कर कुछ इंस्ट्रीमेंट मंगवाकर वो सब भी सिखाया जाएगा, इधर बंदी भी मान रहे हैं कि संगीत की शिक्षा से अब घर की याद आना कम हो गयी है और अधिकारियों ने संगीत की शिक्षा देकर जीवन बदलने का काम किया है।