आईडीए ने अपनी गाइड लाइन में 20 प्रतिशत कमी की


इंदौर। मंदी के असर के चलते सुपर कॉरिडोर को विकसित करने के लिए आइडीए ने अपनी संपत्तियों की कीमत गाइड लाइन में 20 प्रतिशत कमी के साथ ही पूर्व में मिली दरों से भी 15 प्रतिशत तक कम कर दी। सार्वजनिक या पीएसपी उपयोग के प्लॉट तो गाइड लाइन से 60 प्रतिशत कम पर आवंटित किए जा रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है, आइडीए अपने ही राजनीतिक बोर्ड द्वारा तय शर्त तोड़ रहा है, जिसमें तय किया गया था कि योजना मेंं पूर्व में आवंटित प्लॉट की अधिकतम कीमत से कम पर अगला सौदा नहीं किया जा सकेगा। वर्तमान में योजना 151 के प्लॉट की तय कीमतें इसका उदाहरण हैं। हालांकि आइडीए ऐसा सुपर कॉरिडोर को बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स की तरह सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट विकसित करने के लिए कर रहा है। आइडीए की इस नीति से विकसित जमीनों के दाम कम हो जाएंगे, जिससे उसे तो कम राजस्व मिलेगा ही, अनुबंध आधार पर कॉरिडोर पर मिले प्लॉट के ऊंचे दाम के सपने देख रहे किसान ठगा-सा महसूस करेंगे, क्योंकि अपनी संपत्ति के दाम आइडीए की प्रतिस्पर्धा में रखना पड़ रहे हैं।