40 प्लाटों का नोटरी पर कर दिया नामांतरण

इंदौर। झोन क्रमांक ११ के एआरओ द्वारा  पूर्व में झोन क्रमांक १७ (नरवल झोन) पदस्थ रहते हुए नियमों के विपरीत नोटरियों पर संपत्तियों का नामांतरण कर दिए हैं। एआरओ सिलावट ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक-दो नहीं बल्कि चालीस से अधिक संपत्तियों के नामांतरण नोटरी से कर दिए हैं। इस मामले की जानकारी मुख्यालय पहुंचने पर निगमायुक्त ने जांच के आदेश जारी किए जिसके बाद से अब तक जांच ही चल रही है।



नगर निगम के राजस्व विभाग में एक के बाद एक घपले सामने आ रहे हैं। संपत्तिकर के कई मामलों में जांच चल रही है। राजस्व कर्मचारियों द्वारा लगातार किए जा रहे घपलों की बानगी में एक और अनियमितता सामने आई है। दरअसल झोन क्रमांक १७ (नरवल झोन) के पूर्व सहायक राजस्व अधिकारी पप्पू नामांतरण किए हैं। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त को शिकायत के बाद मामले की जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार सिलावट ने इस क्षेत्र के ४० से अधिक ऐसी संपत्तियों का नामांतरण कर दिया जिनकी रजिस्ट्रियां ही नहीं हैं। नियमानुसार किसी भी संपत्ति का नोटरी के आधार पर संपत्तिकर खाता नहीं खोला जा सकता है। नगर निगम के राजस्व विभाग में कुछ माह पहले बने राजस्व कर्मचारी संगठन से कर्मचारियों को तो अब तक कोई लाभ नहीं हुआ, लेकिन संगठन के अध्यक्ष को इसका लाभ जरूर मिल रहा है। झोन क्रमांक १७ पर रहते हुए अध्यक्ष द्वारा नियम कायदों को ताक में रख की गई गड़बड़ी के बावजूद वह उसी पद पर कार्यरत है और जांच के नाम पर लीपापोती चल रही है। जबकि दूसरे कर्मचारियों को छोटी-छोटी गलतियों पर ही हटा दिया गया है। 
कहीं कब्जे का खेल तो नहीं
फर्जी नोटरी तथा संपत्तिकर की रसीद से इंदौर में बड़े पैमाने पर प्लाटों पर कब्जे के खेल चल रहे हैं। ऐसे में यदि सिलावट ने भूमाफियाओं के इशारे पर प्लाटों की नोटरी को संपत्ति का दस्तावेज मानकर खाते खोले हैं तो गरीबों की जमीनों पर कब्जों का बड़ा खेल है। शासन को इस मामले में लोकायुक्त अथवा ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियों से जांच करवाना चाहिए।
नामांतरण मामलों की जांच की जा रही
नरवल झोन में क्या रखा है, वहां अधिकांश संपत्तियां नोटरी वाली है। फिर नामांतरण तो करना ही थे। बस तीन-चार खाते ही खोले थे। तुलसी सिलावट, सहायक राजस्व अधिकारी (वर्तमान में झोन क्रमांक ११ पर पदस्थ है) नरवल झोन पर रहते हुए सिलावट द्वारा नोटरी लेकर नामांतरण करने के ४० मामले सामने आए हैं। इन मामलों में जांच की जा रही है।