वोटर लिस्ट ने बढ़ाई भाजपा की चिंता काटछांट बढ़ाने में जुटे पार्टी के दिग्गज





भोपाल. नगरीय निकाय चुनावों को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज होते ही भारतीय जनता पार्टी की धड़कनें भी बढऩे लगी है। राजधानी के आधे विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी अभी तक वोटर लिस्ट में न तो पर्याप्त ताक-छांक कर सकी है और न प्रदेश नेतृत्व की गाइड लाइन पर ही अमल हो पाया है। आज मतदाता सूची के पुनरीक्षण का अंतिम दिन है। इसे देखते हए तमाम दिग्गजजों की धड़कनें बढ़ गई हैं, मगर कोई काम न होने की चिंता में सारे दिग्गजों ने दौड़-भाग तेज कर दी है। राजधानी के छह विधानसभा क्षेत्र नगर निगम सीमा में आते हैं। केवल बैरसिया विधानसभा क्षेत्र ही अलग है। निगम सीमा के छह में से तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं। मगर गोविंदपुरा को छोड़ बाकी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अब तक मतदाता सूची में सुधार का काम नहीं हो सका है। वहीं उत्तर और दक्षिण-पश्चिम में पार्टी के विधायक न होने के बाद भी कार्यकर्ताओं की टीम मतदाता सूची लेकर घर-घर पहुंचने में सफल रही है। जबकि नगरीय निकाय चुनावों के लिए बनी संचालन समिति ने बूथ स्तर तक मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए विस्तृत दिशा निर्देश दिए थे। इसके लिए समय सीमा भी इस उच्च स्तरीय समिति ने तय की थी। इसके लिए 11 फरवरी तक सभी को मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम पूरा कर लेना था। इसके तहत जहां फर्जी, मृत लोगों के नाम कटवाने थे तो घर-घर जाकर नए मतदाताओं की खोज करना थी। चुनाव आयोग 3 मार्च को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन करने की तैयारी में है। आज पुनरीक्षण का कार्य समाप्त हो जाएगा। समय पर काम को अंजाम देने में चूके भोपाल के सारे दिग्गजों की चिंता अब बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक राजधानी के सारे जनप्रतिनिधि अब मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम आगे बढ़वाने में जुट गए हैं। इस संबंध में सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शमां से भी गुहार लगाई है। साथ ही मतदाता सूची में सुधार के लिए और समय मांगा है। इस संबंध में अब सरकार के स्तर पर कोई कदम उठाए जाना संभावित है।

प्रदेश नेतत्व के नितेश भी बेअसर

सूत्रों की मानें तो भाजपा में हर वार्ड में दावेदारों की संख्या तो बहुतायत में हैं। विधायकों ने भी अपने क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में एक-साथ कई दावेदारों को टिकट दिलाने का भरोसा दे दिया है। इससे वार्डों में दावेदार तो बढ़ गए हैं, लेकिन मैदान पर काम करने वालों की कमी आ गई है। यहां तक कि प्रदेश संगठन के कार्यक्रम ही पूरे नहीं हो पा रहे हैं। जबकि मध्य और उत्तर विधानसभा में पार्टी को ज्यादा मेहनत करना पड़ रही है।

बढ़ सकती है तारीख

सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायकों की सरकार और संगठन से गुहार का असर जल्द ही सामने आ सकता है। मतदाता सूची में पुनरीक्षण का कार्यक्रम आगे  बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के पास सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने की संभावना है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयुक्त पहले ही संकेत दे चुके हैं कि ३ मार्च तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन करने के तत्काल बाद नगरीय निकाय चुनावों कराने की तैयारी तेज कर दी जाएगी। 

कांगे्रस ने भी संभाला मोर्चा

दूसरी ओर मतदाता सूची में काटछांट को लेकर भाजपा की नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों से कांग्रेस भी सतर्क हो गई है। कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग संबंधी कार्यों के प्रभारी व प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने आयुक्त को पत्र लिखकर सत्यापन के बाद ही किसी मतदाता का नाम काटने या जोडऩे की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नए मतदाताओं के नाम पर फर्जी नाम जुड़वाने का काम कर रही है। साथ ही साजिश के साथ कांग्रेस की विचारधारा वाले लोगों के नाम हर बूथ पर काटने की कोशिश में जुटी है।