जगदीश जोशी
उन्नीस साल पहले हरियाणा के पंचकूला से संचालित कम्पनी 'नीलगिरी फारेस्ट' ने लोगो को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। सरकारे सोती रही...और कम्पनियां निवेश पर धन दुगना देने के नाम पर लूट मचाती रही। समय समय पर जब भी जानकारी मिली ऐसी फर्जी कम्पनियों के खिलाफ लगातार समाचार प्रकाशित करता रहा। कम्पनियों के संचालन के दौरान ही उनकी फर्जी स्कीमों को लेकर शासन-प्रशासन को समाचार व पत्र व्यवहार कर अवगत कराया जाता रहा। लगातार विरोधी समाचार के कारण झूठे आरोप भी लगे...खासकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के समय मे...सत्ता के गलियारों में चहलकदमी करने वाले ठगौरों ने प्राणघातक हमले भी करवाए... बिना नाम की शिकायत भी पुलिस मुख्यालय तक पहुँचाई... 'सांच को आंच नही' पत्रकारिता के उच्च आदर्शों का निर्वहन करते हुए निवेशकों के हित मे संघर्ष जारी रखा...खबरों के प्रकाशन के बाद कभी एसटीएफ के नोटिस का जवाब...कभी झूठे आरोप के खिलाफ अपनी बात...यहां यह कहने में कोई गुरेज नही है कि बीते कुछ सालो में पत्रकारिता का उद्देश्य और पत्रकार के प्रति समाजजनों की अवधारणा बदली है। खैर 15 साल की इस लड़ाई ने राह खोली है और अब कमलनाथ सरकार ने इन मामलों को लेकर सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं और एक अलग विंग भी बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिटफंड और डायरेक्ट सेलिंग को लेकर कड़े कानून बनाए हैं। उम्मीद तो की ही जाना चाहिए कि ईमानदार पुलिस अधिकारी राजेन्द्र मिश्रा इन मामलों में सख्ती से कदम उठाकर पीडि़त निवेशकों को न्याय दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
ठगोरों पर पडऩे लगे छापे
• Jagdish joshi